Home » ज्योतिष और वास्तु » Vastu Tips: घर खरीदते या बनवाते समय कभी नहीं करना चाहिए इन बातों की अनदेखी

Vastu Tips: घर खरीदते या बनवाते समय कभी नहीं करना चाहिए इन बातों की अनदेखी

By Ranjana Pandey

Published on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now
Shubham-Telecom-Seoni-Advt
Shubham Telecom Seoni Madhya Pradesh

डेस्क।बढ़ती जनसंख्या और घटती जमीन के कारण इसकी कीमत दिन ब दिन आसमान छूते जा रहें। जिसके चलते अब महानगरों और छोटे शहरों में अब अपार्टमेंट यानी फ्लैट में रहने का चलन बढ़ने लगा है। जाने-माने भवन निर्माताओं द्वारा बहुमंजिला इमारते बनायी जा रही हैं।

इन इमारतों में अनेक परिवारों के रहने के लिए छोटे-बड़े हर प्रकार व आकार के फ्लैट बनाए जा रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इन्हें बनाते समय में वास्तु नियमों का कितना पालन किया गया होगा या किया जाता है। शायद ज्यादा नहीं!
हालांकि इस विषय पर कई बहुमंजिला इमारत के निर्माता यह दावा जरूर करते हैं कि उनके फ्लैट वास्तु नियमों के अनुरूप बने हुए हैं और निर्माण कार्य का दौरान किसी भी प्रकार के वास्तु नियमों तथा सिद्धांतों की अनदेखी नहीं की गई है।

खैर इन दावों में कितनी सच्चाई होती है यह कोई वास्तु का जानकार ही बता सकता है। लेकिन अपार्टमेंट या फ्लैट में यदि किसी प्रकार की कोई वास्तु दोष है तो उसमें रहने वालों पर उसका विपरीत प्रभाव पड़ना तय है।


फ्लैट खरीदते समय भूमि के बारे में लें पूरी जानकारी :-

फ्लैट खरीदने से पहले भूमि संबंधी वास्तु के नियमों के बारे में जान लें। क्योंकि वास्तु नियम सभी जगह समान रूप से लागू होते हैं। उस भूमि पर चाहे स्वतंत्र मकान बना हो या फिर बहुमंजिला अपार्टमेंट, भूमि के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए। कहीं इमारत का निर्माण किसी के कब्र या कब्रिस्तान पर तो नहीं हुआ है।


वास्तु शास्त्र के अनुसार इमारत के नीचे दबी हुई वस्तुओं का सकारात्मक व नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव इमारत और उसमें रहने वाले लोगों पर होता है। परंतु यदि आप तीन मंजिल से ऊपर फ्लैट खरीद रहे हैं तो आप इस दोष से स्वतः ही बच जातो हैं। क्योंकि जमीन संबंधी दोष का प्रभाव सामान्यतः दो से तीन मंजिल तक रहता है।


रसोईघर की स्थिति का रखें ध्यान :-

रसोईघर घर का एक महत्वपूर्ण भाग है। फ्लैट खरीदते वक्त रसोईघर की स्थिति का बखूबी जांच कर लें। रसोई का निर्माण वास्तु की दृष्टि से अग्नेय दिशा में श्रेष्ठ होता है। इस दिशा में बिजली के उपकरण रखने पर किसी तरह की कोई समस्या नहीं आती।

यदि भवन का निर्माण वास्तु सम्मत हुआ है तो इस दिशा के स्वामी ग्रह शुक्र अति प्रसन्न होते हैं। जिससे घर में सकारात्मक वातावरण बना रहता है। इस दिशा में वास्तु दोष होने पर घर का वातावरण तनावपूर्ण रहता है। वास्तु दोष के निवारण के लिए, परामर्श करें देश के प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिषाचार्यों से।


स्नान घर व शौचालय की स्थिति :-

फ्लैट खरीदते समय विशेष ध्यान रखें कि स्नान घर व शौचालय कभी भी नैऋत्य दिशा यानि कि, दक्षिण- पश्चिम और ईशान दिशा में न हो। यह दिशा दूषित व अपवित्र होने पर भवन में रहने वालों को प्रायः कलह व विभिन्न कष्टों का सामना करना पड़ता है, साथ ही व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट होती है।

उत्तरी-पूर्वी दिशा अर्थात्‌ ईशान कोण जल का प्रतीक है। इसलिए यहां पीने के पानी प्रबंधन होना चाहिए। वास्तु के अनुसार वायव्य कोण में सेप्टिक टैंक एवं शौचालय का निर्माण उत्तम है।


फ्लैट में बेडरूम की स्थिति :-

बेडरूम का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। शयन कक्ष यदि सही दिशा में हो तो व्यक्ति को अच्छी नींद आती है, जिससे वह सुबह तरोताजा होकर उठता है और पूरे दिन ऊर्जावान रहता है। ध्यान रहे कि आप जो भी फ्लैट खरीद रहे हैं उसका बेडरूम पूर्व- दक्षिण दिशा में न हो। अन्य था इसका अशुभ प्रभाव आपके खुशियों पर पड़ेगा।


निवारण के लिए क्या करें :-

अब सवाल यह उठता है कि बिल्डर वास्तुनियमों का तो पालन नहीं करते और यदि आपने ऐसी किसी इमारत में फ्लैट ले लिया है और उसमें वास्तु दोष हैं तो इसके लिए अब क्या करें।

ऐसे में सबसे पहले आप स्वयं देखें, यदि आपको वास्तु का ज्ञान है तो अन्यथा किसी योग्य वास्तुविद से सलाह लें कि दोष क्या है।

Also read- https://khabarsatta.com/religion/apara-ekadashi-ke-upay-follow-these-measures-on-the-day-of-apara-ekadashi/

Leave a Comment

HOME

WhatsApp

Google News

Shorts

Facebook