डेस्क।हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक घर हो, जहां वह सुख- शांति से निवास कर सके। लेकिन यह तब संभव है जब भवन का निर्माण का कार्य बड़े ही कुशलता से करवाया गया हो और भवन में निवास करने वालों द्वारा वास्तु के नियमों का पालन किया जाता हो।
तब जाकर भवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। तो आज हम आपके लिए वास्तुशास्त्र के कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं, जिनका पालन कर आप अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि ला सकेंगे।
तो आइये, जानते हैं वास्तु के अनुसार घर में आपको क्या उपाय करने चाहिए।
घर की स्वच्छता का रखें ख़ास ख्याल :-
इसमें कोई सक नहीं सभी अपने घर को साफ रखना पसंद करते हैं। लेकिन कभी-कभी घर में दिखने वाली सफाई से भी हम संतुष्ट नहीं होते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि घर में रहने वाले स्वच्छता का ख़ास ख़्याल रखें, क्योंकि घर की स्वच्छता, घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और इससे घर ज्यादा प्रकाशवान और कीटाणु रहित होने के साथ- साथ खुशहाल प्रतीत होता है। जिससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसलिए घर में स्वच्छता का ख़ासा ध्यान रखा जाना चाहिए।
सूर्यास्त के बाद महिलाओं का कंघा करना
आमतौर पर महिलाओं को देखा जाता है कि किसी सार्वजनिक कार्यक्रम या शादी में जाने से पहले वें सज- सवर कर जाना पसंद करती हैं। वैसे भी पार्टी और शादियां या फिर कोई भी सामाजिक कार्यक्रम अमूमन शाम को या रात को ही होते हैं।
ऐसे में महिलाएं सबसे ज्यादा अपने बालों पर ध्यान देती है। जबकि, वास्तुशास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद स्त्रियों का कंघा करना उचित नहीं है। माना जाता है कि शाम के समय कंघा करने से देवी लक्ष्मी नाराज़ होती हैं।
भोजन बनाने से पहले करें स्नान :-
शरीर को ऊर्जा भोजन से ही प्राप्त होती है। वास्तु भी यही कहता है। इसके अलावा वास्तु के अनुसार ये अत्यंत आवश्यक है कि आप भोजन बनाने से पहले स्नान जरूर कर लें। स्नान के बाद भोजन बनाने पर पकवान ज़्यादा स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है।
भोजन ग्रहण करने से पहले भोग लगाना :-
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भोजन ग्रहण करने से पूर्व भोजन को भगवान, गाय और कुत्ते को कराना चाहिए, इससे घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार भोजन बनाने के बाद और खाने से पहले अपने कुल देवी या देवता को भोग लगाना चाहिए। इससे वे प्रसन्न रहते हैं और घर में शांति बनी रहती है।
जल स्त्रोत न हो दक्षिण-पश्चिम दिशा में :-
जल का कोई भी स्त्रोत भवन के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में नहीं होना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी कोण में जल स्त्रोत होने से धनहानि की संभावना बढ़ जाती है। जबकि जल का स्त्रोत उत्तर-पूर्वी कोने यानि की ईशान कोण में होने पर लाभ होता है। इसलिए ध्यान रखें कि जल स्त्रोत हमेशा उत्तर-पूर्व कोण में ही हो।
तिजोरी का दरवाज़ा खुले उत्तर दिशा में :-
सभी धन तिजोरी में रखना पसंद करते हैं जबकि कई लोग बिना वास्तु की जानकारी के तिजोरी को कही भी स्थापित कर देते हैं। परंतु यह उचित नहीं है। आप जहां भी तिजोरी रखें, उसका दरवाज़ा उत्तर दिशा में ही खुले साथ ही तिजोरी में कुबेरदेव की फ़ोटो या मूर्ती रखें।
जिससे धन लाभ होगा। इसके साथ ही ध्यान रखें कि आपकी तिजोरी तेज प्रकाश के ठीक सामने न हो। यदि इन उपायों को किया जाए तो अवश्य ही लाभ मिलेगा और घर में होगा सुख-समृद्धि वास होगा।