हरतालिका तीज का पर्व पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 9 सितम्बर, गुरुवार को मनाया जाएगा। यह व्रत करवाचौथ की तरह बड़ा व्रत माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत से अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए एवं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं।
इस व्रत में गणेश जी, भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा होती है। हरतालिका तीज से पहले सावन में हरियाली एवं कजरी तीज मनाई जाती है।
इस व्रत में महिलाएं 24 घंटे तक निर्जल व्रत करती हैं। बिना अन्न एवं जल के व्रत किया जाता है। क्षेत्रों के अनुसार कहीं कहीं फल खा लिए जाते हैं। इस व्रत पर महिलाओं के मायके से नए कपड़े, फल, मिठाई, सुहाग का सामान आता है। इस व्रत को मुख्यतः पति की दीर्घायु एवं रोगमुक्ति हेतु किया जाता है।
हरतालिका तीज व्रत के दिन रवि योग का है दुर्लभ संयोग :-
इस तीज पर लगभग 14 वर्ष के बाद रवि योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिषशास्त्र में इस योग को प्रभावशाली माना गया है। मान्यता है कि इस योग से कई अशुभ योग दूर हो जाते हैं। व्रत का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 10 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट तक है। वहीं पंचांग के अनुसार रवियोग का संयोग 5 बजकर 14 मिनट से प्राप्त होगा। अगर कुंवारी लड़कियां इस योग में शिव -पार्वती की पूजा करें तो वैवाहिक बाधाएं दूर हो जाएंगी।
हरतालिका तीज महत्व :-
हरतालिका तीज व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की भी प्राप्ति होती है। संतान सुख भी इस व्रत के प्रभाव से मिलता है।
हरतालिका तीज के शुभ मुहूर्त :-
हरतालिका तीज के दिन एक मुहूर्त सुबह एवं दूसरा प्रदोष काल में सूर्यास्त के बाद है।
सुबह का मुहूर्त :-
प्रातःकाल का शुभ मुहूर्त 06 बजकर 03 मिनट से 08 बजकर 33 मिनट के मध्य में है। यह समय करीब 02 घंटे 30 मिनट का है।
प्रदोष पूजा मुहूर्त :-
यह मुहूर्त शाम 06 बजकर 33 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक है। यह समय करीब 02 घण्टे 18 मिनट का है।
हरतालिका तीज की पूजन सामग्री :-
गीले काली मिट्टी, बालू रेत , बेलपत्र, शमीपत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा, वस्त्र, फुलहरा। माता पार्वती के लिए सुहाग सामग्री- मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, सुहाग पुड़ा, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद, पंचामृत आदि।
हरतालिका तीज की पूजा विधि :-
हरतालिका तीज में श्री गणेश, भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है।
मिट्टी की तीन प्रतिमा बनाएं। भगवान गणेश को तिलक करें एवं दूर्वा अर्पित करें।
माता पार्वती को श्रृंगार का सामान, भगवान शिव को बेलपत्र, शमिपत्रि अर्पित करें।
वस्त्र अर्पित करें, तीज व्रत की कथा सुनें या पढ़ें।
श्रीगणेश जी की आरती करें, शिव पार्वती की आरती करने के बाद भोग लगाएं।