Home » सिवनी » बूंद-बूंद के लिए तरस रहा सिवनी शहर, प्रशासन को अब गंभीर होना होगा – आशीष मानाठाकुर

बूंद-बूंद के लिए तरस रहा सिवनी शहर, प्रशासन को अब गंभीर होना होगा – आशीष मानाठाकुर

By: SHUBHAM SHARMA

On: Sunday, April 13, 2025 12:38 PM

Ashish-Manathakur
बूंद-बूंद के लिए तरस रहा SEEONI शहर, प्रशासन को अब गंभीर होना होगा - Ashish Manathakur
Google News
Follow Us

सिवनी नगर में पेयजल संकट कोई नई बात नहीं है, परंतु हर वर्ष जैसे ही ग्रीष्म ऋतु दस्तक देती है, यह समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। शहरवासियों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है, और प्रशासन की उदासीनता इस संकट को और भी गंभीर बना देती है। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्री आशीष मानाठाकुर ने इस समस्या को लेकर जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल समाधान की मांग की।

नगरपालिका की जल आपूर्ति व्यवस्था असफल

श्री मानाठाकुर ने बताया कि नगर पालिका परिषद सिवनी के पास दो WTP (Water Treatment Plant) अवश्य हैं, परंतु उनमें जलशुद्धिकरण की क्षमता नगण्य है। इस वजह से जल आपूर्ति व्यवस्था चरमराई हुई है और लोगों को स्वच्छ पेयजल प्राप्त नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने यह सुझाव दिया कि:

  • बंडोल और सुआखेड़ा WTP को पुनः सक्रिय किया जाए।
  • बैनगंगा नदी से नियमित जलग्रहण किया जाए ताकि जलस्रोतों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
  • सौर ऊर्जा आधारित वैकल्पिक ट्रांसफार्मर की स्थापना की जाए जिससे बिजली कटौती के कारण जलापूर्ति में रुकावट न हो।

ग्रामीण क्षेत्रों की जलापूर्ति पर पुनर्विचार की आवश्यकता

वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए PHE विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को जो ट्यूबवेल और बीच लाइन से पानी सिंचाई के लिए दिया जा रहा है, उस पर तात्कालिक रूप से रोक लगाई जाए ताकि शहर की जनता को राहत मिल सके।

सिवनी की आबादी दिन-ब-दिन बढ़ रही है, परंतु जल संसाधन और वितरण प्रणाली में किसी प्रकार का व्यापक सुधार नहीं किया गया है। यह एक खतरनाक संकेत है, जिससे आने वाले वर्षों में हालात और बदतर हो सकते हैं।

प्रशासन द्वारा किया जा रहा वार्षिक भुगतान भी बेअसर

यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि नगर पालिका परिषद सिवनी द्वारा जल संसाधन विभाग को प्रतिवर्ष बड़ी राशि का भुगतान किया जाता है, परंतु इसके बावजूद नगरवासियों को नियमित पेयजल नहीं मिल रहा है। यह एक बड़ी प्रशासनिक विफलता है, जिससे जनता का भरोसा टूट रहा है

शहर में टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की मांग

श्री मानाठाकुर ने अपने प्रेस वक्तव्य में यह भी कहा कि जब तक स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक शहर के 24 वार्डों, मोहल्लों, कालोनियों, चौक-चौराहों पर नगर पालिका परिषद के माध्यम से पानी के टैंकरों की व्यवस्था की जाए। इससे तत्काल राहत मिलेगी और जनता का आक्रोश भी कुछ हद तक शांत हो सकेगा।

जिला कलेक्टर ने दिया समाधान का भरोसा

इस गंभीर मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पेयजल संकट को समाप्त करने के लिए भरपूर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द कार्य योजना बनाकर उसे क्रियान्वित किया जाए।

पेयजल संकट से प्रभावित क्षेत्र और जनता की पीड़ा

सिवनी के बड़ी बाजार, जुने चौक, डूंडा सिवनी, बरघाट रोड, गणेश चौक, सिविल लाइन, नया बस स्टैंड, छोटी मस्जिद इत्यादि इलाकों में घंटों लाइन में लगने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है।

बुजुर्ग, महिलाएं, और बच्चे पीने के पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। कई इलाकों में पानी की आपूर्ति सप्ताह में एक या दो दिन ही हो रही है, वह भी केवल आधे घंटे के लिए।

पानी ना होने से शिक्षा और रोजगार पर भी प्रभाव

पानी की किल्लत का असर सिर्फ घरेलू जीवन तक सीमित नहीं है। छात्रों की पढ़ाई, ऑनलाइन क्लासेस, और कार्यालयों में कार्यरत लोगों के दैनिक जीवन पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। छोटे व्यवसाय, जैसे होटल, रेस्टोरेंट, नाई, धोबी आदि का कार्य भी ठप पड़ा है।

स्थायी समाधान के लिए आवश्यक सुझाव

  1. नई जल योजनाओं का निर्माण: जिले में नई जलापूर्ति योजनाओं की आवश्यकता है जो आने वाले वर्षों की जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाई जाएं।
  2. पुरानी पाइप लाइनों का प्रतिस्थापन: लीक हो रही पाइप लाइनें लाखों लीटर पानी बर्बाद कर रही हैं, उन्हें तुरंत बदला जाए।
  3. रेनवॉटर हार्वेस्टिंग: हर मोहल्ले, स्कूल, सरकारी दफ्तर और कॉलोनी में वर्षा जल संचयन प्रणाली अनिवार्य की जाए।
  4. जल जन-जागरूकता अभियान: लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए ताकि वे भी इस संकट को समाप्त करने में भागीदार बनें।
  5. स्थायी जल स्रोत का विकास: सिवनी में एक स्थायी जल स्रोत की तलाश और उसका विकास प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

जनता को चाहिए प्रशासनिक जवाबदेही

अब समय आ गया है जब सिवनी की जनता प्रशासन से जवाबदेही की मांग करे। जनता को यह जानने का अधिकार है कि प्रतिवर्ष दिए जा रहे करोड़ों रुपये के बावजूद उन्हें पानी क्यों नहीं मिल रहा है।

शहरवासियों के मौलिक अधिकारों में पेयजल आपूर्ति एक महत्वपूर्ण अधिकार है, और यदि प्रशासन इस पर गंभीरता नहीं दिखाता तो जनता को सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ सकता है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment