सिवनी: सिवनी जिले में शिक्षा के स्तर को ऊँचाई तक पहुँचाने के लिए कलेक्टर संस्कृति जैन (Seoni Collector Sanskriti Jain) के मार्गदर्शन में एक अभिनव पहल “गिफ्ट अ डेस्क” (Gift A Desk) अभियान के रूप में शुरू की गई है। “गिफ्ट अ डेस्क” (Gift A Desk) अभियान का मुख्य उद्देश्य जिले की शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को उपयुक्त फर्नीचर — विशेषकर डेस्क एवं बेंच — की सुविधा उपलब्ध कराना है, जिससे बच्चों को बेहतर अध्ययन वातावरण मिल सके।
📚 शिक्षा की बुनियाद में सुधार की अनोखी पहल
जिले के 1492 शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए डेस्क और बेंच की भारी कमी लंबे समय से एक चुनौती रही है। इस अभाव के कारण विद्यार्थियों को फर्श पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है, जिससे न केवल उनकी एकाग्रता प्रभावित होती है बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
“गिफ्ट अ डेस्क” अभियान के माध्यम से इस समस्या का समाधान जनसहयोग से किया जा रहा है। यह अभियान केवल एक फर्नीचर वितरण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करने का एक मंच है।
🛠️ फर्नीचर निर्माताओं की भूमिका और सहभागिता
दिनांक 3 अप्रैल को सिवनी कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने जिले के सभी फर्नीचर निर्माताओं के साथ बैठक कर उन्हें इस अभियान से जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने अपील की कि वे बिना मुनाफा के आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले डेस्क-बेंच का निर्माण करें जिससे सरकारी विद्यालयों को न्यूनतम लागत पर बेहतर फर्नीचर उपलब्ध कराया जा सके।
इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि यह न केवल एक सामाजिक दायित्व है बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त बनाने का एक सशक्त माध्यम भी है। कलेक्टर ने निर्माणकर्ताओं को प्रेरित किया कि वे “गिफ्ट अ डेस्क” अभियान को एक मानव सेवा का अवसर समझकर आगे आएं।
👨👩👧👦 जनभागीदारी की मिसाल बनता यह अभियान
यह अभियान सिर्फ प्रशासनिक पहल नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाली जनचेतना का भी प्रतीक है। जनप्रतिनिधियों, व्यापारी संघों, सामाजिक संगठनों, शिक्षकों, अभिभावकों और आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे आगे आकर इस “#गिफ्ट_अ_डेस्क” पहल का हिस्सा बनें।
जनता के स्वैच्छिक योगदान से अब तक सैकड़ों विद्यालयों में डेस्क-बेंच की व्यवस्था की जा चुकी है। कई व्यापारी संगठनों एवं समाजसेवियों ने पूरे स्कूलों को गोद लेकर पूर्ण फर्नीचर की जिम्मेदारी उठाई है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है।
🎯 लक्ष्य : हर विद्यार्थी को मिले डेस्क-बेंच की सुविधा
अभियान का उद्देश्य केवल डेस्क-बेंच उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि “हर विद्यार्थी के लिए एक डेस्क” का सिद्धांत लागू करना है। इससे छात्रों को न केवल पढ़ाई का अनुकूल माहौल मिलेगा बल्कि उनमें सम्मान, अनुशासन और एकाग्रता की भावना भी विकसित होगी।
साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि दिए गए डेस्क-बेंच सुरक्षित, टिकाऊ और बच्चों के लिए अनुकूल ऊँचाई के हों ताकि उनका शारीरिक विकास प्रभावित न हो।
📈 “गिफ्ट अ डेस्क” का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव
शोध बताते हैं कि जब बच्चों को बेहतर बैठने की सुविधा मिलती है, तो उनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ बेहतर होती हैं। जब एक बच्चा डेस्क पर बैठकर आत्मसम्मान से पढ़ाई करता है, तो उसमें आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता स्वतः विकसित होती है।
“गिफ्ट अ डेस्क” अभियान ने न केवल विद्यालयों के भौतिक ढांचे को बदला है, बल्कि समाज को शिक्षा की ओर संवेदनशील और उत्तरदायी भी बनाया है।
📢 प्रशासन की अपील : आइए हम सब मिलकर एक नई कहानी लिखें
जिला प्रशासन सिवनी द्वारा जिले के सभी नागरिकों से निवेदन किया गया है कि वे इस अभियान में स्वेच्छा से भाग लें और जरूरतमंद विद्यालयों में फर्नीचर दान कर बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में सहयोग करें।
डेस्क बेंच दान करने के लिए विशेष पोर्टल, संपर्क सूत्र, और अभियान से जुड़ने के तरीके भी सार्वजनिक किए गए हैं।
इस अभियान की सफलता तभी संभव है जब हर नागरिक इसे अपना व्यक्तिगत दायित्व समझकर योगदान देगा।
💬 “गिफ्ट अ डेस्क” : कैसे जुड़ें इस मुहिम से?
यदि आप भी इस अभियान से जुड़न चाहते है तो आप सीधे महेश बघेल से संपर्क कर सकते है जिनका मोबाइल नंबर 8989033115 है। महेश बघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान में आम नागरिक से लेकर राजनेताओं तक अपनी क्षमता अनुसार अपना योगदान दे सकते है.
- डेस्क-बेंच निर्माण में सहयोग करें, चाहे वह धनराशि के रूप में हो या सामग्री के रूप में।
- स्थानीय व्यापारिक संस्थाओं, एनजीओ, धार्मिक संगठनों से संपर्क कर सामूहिक रूप से डोनेशन ड्राइव शुरू करें।
- सोशल मीडिया पर #Gift_a_Desk #गिफ्ट_अ_डेस्क टैग के साथ इस अभियान को साझा करें, ताकि और लोग जागरूक हों।
🔚 शिक्षा में निवेश, राष्ट्र निर्माण का आधार
“गिफ्ट अ डेस्क” अभियान आज केवल सिवनी जिले की कहानी नहीं रह गया है, यह एक राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने योग्य मॉडल बन गया है। हर बच्चा जब अपने डेस्क पर बैठेगा और गर्व से पढ़ाई करेगा, तब यह पहल सच्चे अर्थों में सफल मानी जाएगी। आइए, हम सब मिलकर शिक्षा की इस क्रांति में भागीदार बनें और अपने छोटे-छोटे प्रयासों से एक बड़ा परिवर्तन लाएँ।