सिवनी: साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग के तत्त्ववधान में डाक्टर आर के चतुर्वेदी स्थानीय संयोजक जिला साहित्य मंच सिवनी तथा वरिष्ठ साहित्यकार रमेश श्रीवास्तव चातक जी कि अध्यक्षता में राष्ट्रीय कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति समारोह का आयोजन 17 अगस्त को एस एस सी शिक्षा महाविद्यालय ड्रीम लैंड सिटी कटंगी रोड सिवनी में हुआ।
सुभद्रा कुमारी चौहान पर डॉ. विकास दवे का प्रेरणादायक वक्तव्य
इस समारोह में डॉ. विकास दवे, निर्देशक साहित्य अकादमी ने सुभद्रा कुमारी चौहान पर व्याख्यान दिया, जो छात्र-छात्राओं एवं जनमानस के लिए प्रेरणादायक रहा। उनके वक्तव्य ने समाज में चेतना जागृत करने का संदेश दिया। डॉ. दवे ने सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं और साहित्यिक योगदान की विशेषताएं विस्तार से बताईं।
डॉ. विजय कलमधार का व्याख्यान
छिंदवाड़ा से पधारे डॉ. विजय कलमधार ने भी सुभद्रा कुमारी चौहान पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं में नारी शक्ति और राष्ट्रभक्ति के अद्वितीय मिश्रण की चर्चा की। उनके वक्तव्य ने सभी उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया।
श्री रमेश श्रीवास्तव चातक का व्याख्यान
श्री रमेश श्रीवास्तव चातक ने अपने व्याख्यान में सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और उनके साहित्यिक योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताएँ समाज में परिवर्तन लाने का माध्यम थीं और आज भी वे प्रासंगिक हैं।
पूर्व सांसद श्री ढालसिह बिसेन और श्रीमती नीता पटेरिया का वक्तव्य
समारोह में पूर्व सांसद श्री ढालसिह बिसेन और श्रीमती नीता पटेरिया ने भी भाग लिया और उन्होंने राष्ट्रीय चेतना में साहित्य के विशेष महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताएँ राष्ट्रभक्ति और सामाजिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
स्वामी बलवंतानंद जी का योगदान
स्वामी बलवंतानंद जी ने भी समारोह में भाग लिया और साहित्य के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ हमें हमारे सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर की याद दिलाती हैं।
रचनाकारों का रचना पाठ
समारोह के पश्चात रचनाकारों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इन रचनाओं में सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं से प्रेरित होकर विभिन्न विधाओं में रचनाएँ शामिल थीं। छात्र-छात्राओं ने भी इसमें भाग लिया और अपनी रचनाओं का पाठ किया।
समारोह के आयोजक डॉ. आर के चतुर्वेदी का आभार व्यक्त
डॉ. आर के चतुर्वेदी, जो इस समारोह के आयोजक थे, ने मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी भोपाल और सभी विद्वान वक्ताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में साहित्य और संस्कृति के महत्व को बनाए रखते हैं और युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हैं।
साहित्य अकादमी भोपाल का योगदान
साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. विकास दवे ने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए बताया कि हिन्दी और साहित्य में रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारी संस्कृति में साहित्य का विशेष योगदान है और इसे सहेजने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।