मध्य प्रदेश के सीधी जिले में वायरल वीडियो का विवरण: मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक रौंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। इस वीडियो में एक स्कूली छात्रा को मोची की सुई से कई बार अपना गला काटते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर फैल रहा है और सभी को हैरान कर रहा है।
लड़की की हालत और अस्पताल में इलाज
लड़की की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे संजय गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, लड़की की स्थिति नाजुक है और उसे बचाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
आत्महत्या का प्रयास: कारण और संदेह
ऐसा संदेह है कि लड़की ने असफल प्रेम प्रसंग के कारण आत्महत्या का प्रयास किया। इसके अलावा, यह भी कहा जा रहा है कि छात्रा का पीछा कोई व्यक्ति कर रहा था और रोज़ाना की छेड़छाड़ से तंग आकर उसने यह कदम उठाया। हालांकि, खबर सत्ता इसकी पुष्टि नहीं कर सकता क्योंकि पुलिस जांच अभी जारी है।
घटना का विवरण: दोस्तों की कोशिश और सीसीटीवी फुटेज
लड़की सीधी जिले के सेमरिया तहसील के एक सरकारी स्कूल की कक्षा 9 में पढ़ती है। जानकारी के अनुसार, वह कुछ कक्षाओं में उपस्थित हुई और दोपहर के भोजन के बाद स्कूल से भाग गई। सड़क किनारे लगे सीसीटीवी कैमरों में वह मोची की चटाई से मोची की सुई उठाकर खुद को बेरहमी से मारती हुई दिखाई दे रही है, जबकि उसकी सहेली उसे रोकने की कोशिश कर रही है। लड़की ने अपने गले में नुकीली, मोटी सुई चुभोई और खुद को तब तक कई बार चाकू मारती रही जब तक कि वह बेहोश होकर जमीन पर गिर नहीं गई।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और प्राथमिक उपचार
घटना देखकर स्तब्ध स्थानीय लोगों ने खून से लथपथ बच्ची को पास के अस्पताल पहुंचाया और उसके माता-पिता को सूचित किया। डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर संजय गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रेफर कर दिया।
पुलिस जांच और स्कूल प्रबंधन पर सवाल
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जिससे छात्रों को समय से पहले भागने देने के लिए लापरवाह स्कूल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि लड़की पर किस प्रकार के दबाव थे और उसने यह कदम क्यों उठाया।
समाज और शिक्षा प्रणाली की भूमिका
इस प्रकार की घटनाएं समाज और शिक्षा प्रणाली के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। स्कूलों में सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। बच्चों को ऐसे माहौल में पढ़ाई करने का मौका मिलना चाहिए जहां वे सुरक्षित और संरक्षित महसूस करें।