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सिवनी: “अन्नदाता” को बैंक कर रहा परेशान!, किसानों को नहीं मिल रहा बैंक से भुगतान

By: SHUBHAM SHARMA

On: Monday, February 20, 2023 11:54 AM

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Seoni News: सिवनी: "अन्नदाता" को बैंक कर रहा परेशान, किसानों को नहीं मिल रहा बैंक भुगतान
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सिवनी (एस.शुक्ला) जहां एक तरफ मध्य प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा लगातार किसानो के हितों में दम भरा जाता है वही दूसरी तरफ अन्नदाता किसान समर्थन मूल्य पर बेची गई धान के भुगतान के लिये लगातार परेशान हो रहा है किन्तु उसकी सुनने वाला कोई नही है.

उल्लेखनीय है की किसानो के अधिकांश बचत खाते जिला सहकारी केन्द्रीय बैक मे संचालित है और समर्थन मूल्य पर बेची गई धान का भुगतान जिला सहकारी बैंक मै ही आ रहा है.

लगभग 90 प्रतिशत किसानो के खाते इसी बैक मे संचालित होने से किसानो को अपने भुगतान के लिये सबेरे से ही बैक मे लाइन लगाने की स्थिति निर्मित हो रही है इसके बाद भी किसानो को आवश्यकता के अनुसार बैक से राशि का भुगतान नही हो पा रहा है.

20 हजार का ही हो पाता है आहरण

पीडित और परेशान किसानो ने बताया की खाते मे राशि होने के बाद भी हमे मात्र बीस हजार रूपये ही बैक से मिल रहे है जबकि बीसो किलोमीटर की दूरी तय कर हम भुगतान कै लिये आ रहे है किन्तु हमे बैक से आवश्यकता के अनुसार राशि नही मिल रही है.

जबकि वर्तमान मे किसानो के घरो मे शादी विवाह के कार्यक्रम होने है और भी कार्य है जिनमे नगद राशि की आवश्यकता होने के बाद भी बैक से राशि नही मिल रही है

लगभग 60 से 70 ग्रामो के किसानो के खाते जिला सहकारी बैक धारनाकला मे

उल्लेखनीय है की जिला सहकारी बैक शाखा धारना कला से चार सहकारी समितिया जुडी हुई है तथा चारो सहकारी समितियो मे दर्जनो गाव के किसानो का लेन देन होता है तथा रबी तथा खरीफ फसल के समय किसानो कै द्वारा खाद बीज के साथ साथ कृषि कार्य के लिये कर्ज भी लिया जाता है.

इन चार समितियो से जुडे गाव के कृषको का बचत खाता भी जिला सहकारी बैक मे ही संचालित है तथा शासन से जुडी अनेको योजनाओ से सम्बंधित राशि भी किसानो के खाते मे आती है तथा वर्तमान मे समर्थन मूल्य पर किसानो के द्वारा विक्रय की गई धान की राशि भी खाते मे आ चुकी है

किन्तु किसानो को आवश्यकतानुसार राशि न मिलने से किसान लगातार राशि आहरण के लिये बैक के चक्कर लगा रहे है जिसमे पर्याप्त केश की व्यवस्था न होने से किसानो को समय के हिसाब से भुगतान न होना किसानो के लिये परेशानी का सबब बन गया है

दोहरी बार कट रही है राशि

उल्लेखनीय है की सबसे ज्यादा परेशानी तो इस बात की है किसानो से कर्ज की एक नही बल्कि दो दो बार काटी जा रही है इस सम्बन्ध मे किसानो ने बताया की उनके द्वारा कृषि कार्य हेतु लिये गये नगद कर्ज एवम खाद बीज की राशि समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के समय ही काट ली जाती है और किसानो को धान का भुगतान कर्ज राशि काटने के बाद ही बैक खाता मे राशि आती है.

किन्तु जिला सहकारी बैक शाखा धारनाकला मे कर्ज की राशि कटने के बाद भी खाते से दूसरी बार राशि काटी जा रही है इस सम्बन्ध मे पीडित किसान बसीराम सोनवाने ने बताया की उसके द्वारा खरीदी केन्द्र धारनाकला मे 244 क्विंटल 80 किलो धान समर्थन मूल्य पर बेची गई थी जिसकी भुगतान राशि 499392 रूपये मे से कर्ज की राशि 119405 एक लाख उन्नीस हजार चार सौ पाच रूपये पहले ही काटकर भुगतान योग्य राशि 3,79985 तीन लाख उनयासी हजार नौ सौ पचयासी रूपये उसके बैक खाते मे भी आ गया किन्तु एक बार राशि कटने के बाद भी बैक द्वारा बैक खाते से 1,19,405 रूपये की राशि दूसरी बार फिर काट ली गई जब इस सम्बन्ध मे पीडित किसान ने बैक से जानना चाहा तो उसे कोई सन्तोष प्रद उत्तर नही मिला.

यही स्थिति का बखान करते हुऐ कृषक नारायण ठाकुर ने बताया की उसके द्वारा समिति से लिये गये कर्ज की अदायगी पहले ही कर दी गई है इसके बाद बैक द्वारा कर्ज के नाम पर उसके बचत खाते मे आई धान राशि से राशि काट ली गई तथा उसे बैक से कोरी पासबुक ही थमा दी गई ऐसे छेत्र के बहूत से किसान है जो कर्ज राशि दो दो बार कटने से परेशान है किन्तु उनकी सुध कि सी को नही है

चेक बुक का टोटा

उल्लेखनीय है की किसानो सै जुडी जिला सहकारी केन्द्रीय बैक मे चेक बुक का भी टोटा बना हुआ है किसानो के द्वारा चेक बुक की मांग करने पर उन्हे चेक बुक भी नही मिल रही है चूकि किसानो को विड्राल पर्ची से सिर्फ बीस हजार रूपये ही बैक से मिल रहा है ऐसे मे किसानो की समस्या का निदान भी नही हो पा रहा है.

सबेरे नौ बजे से ही बैक मे राशि आहरण करने कै लिये किसानो का लंबे समय से हुजूम लग रहा है जिसमे बैक खुलने के बाद बैक के ही कर्मचारी के द्वारा किसानो को बैक के बाहर विड्राल पर्ची वितरित की जाती है और किसानो के द्वारा अपने खाते से राशि आहरण के लिये विड्राल जमा किये जाते है जनपद सदस्य एवं किसानो से जुडे गजानंद हरिनखेडे ने कहा की छेत्र के किसानो के बचत खाते लगभग जिला सहकारी केन्द्रीय बैक मे ही संचालित है.

चूकि किसानो से जुडी बैक होने के कारण हमारे छेत्र के किसानो कै खाते इसी बैक मे है किन्तु किसानो की समस्याओ को नजर अंदाज किया जाना गलत है साथ ही यह भी कहा की जब एक बार कर्ज की राशि काट ली जाती है तो बैक से पुनः दूसरी बार राशि खाते से क्यो काटी जा रही है साथ अनेको बार तो ऐसी स्थिति भी निर्मित हो जाती है.

राशि दोहरी बार कटने से किसान के खाते से राशि आहरण का विकल्प भी नही बचता हरिनखेडे ने यह भी कहा की धान खरीदी केन्द्र मे जब किसान अपनी धान का तौल कर तौल पर्ची लेता है तो उसी समय आनलाइन कर्ज की राशि काटकर किसान को धान के शुद्ध भुगतान की पर्ची प्राप्त हो जाती है और किसान को कर्ज काटकर ही भुगतान शासन द्वारा किया जाता है ऐसे मे बैक द्वारा दोहरी कर्ज की राशि काटना गलत है इससे छेत्र के किसान परेशान हो रहे है जिसमे सुधार की जरूरत है

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