सिवनी: सिवनी की धरती एक बार फिर खेल के मैदान में अपना परचम लहराने जा रही है। द अल्टीमेट फाइटर्स एकेडमी सिवनी की होनहार खिलाड़ी अनुप्रिया कौरव ने 68वीं राज्य स्तरीय शालेय बॉक्सिंग प्रतियोगिता, जबलपुर में बालिका सीनियर अंडर-19 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर ना केवल अपने जिले बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है।
अब वह राष्ट्रीय शालेय बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए दिल्ली रवाना हो चुकी हैं, जहाँ वह 30 अप्रैल से 5 मई 2025 तक आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेंगी।
राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में भी दिखा रही दम
प्रतियोगिता की तैयारी को लेकर अनुप्रिया कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। वह 23 अप्रैल से 27 अप्रैल तक ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेकर अपनी तकनीक और दमखम को और भी धार दे रही हैं। उनकी यह प्रतिबद्धता स्पष्ट दर्शाती है कि वे केवल भाग लेने नहीं, बल्कि स्वर्ण पदक के साथ लौटने का संकल्प लेकर दिल्ली पहुँची हैं।
अभ्यास, अनुशासन और आत्मविश्वास का त्रिवेणी संगम: अनुप्रिया की सफलता का राज
अनुप्रिया की सफलता कोई संयोग नहीं बल्कि लगातार अभ्यास, अद्वितीय अनुशासन और गहन आत्मविश्वास का परिणाम है। वे किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, सिवनी में सहायक संचालक श्री पवन कौरव की सुपुत्री हैं, जिन्होंने हमेशा बेटी को प्रोत्साहित किया है।
उनका प्रशिक्षण कर रहे हैं सिवनी के प्रतिष्ठित मार्शल आर्ट प्रशिक्षक सेंसेई निकेश पद्माकर, जिनकी टीम ने सैंकड़ों युवाओं को आत्मरक्षा, कराटे और बॉक्सिंग में प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया है।
द अल्टीमेट फाइटर्स एकेडमी: सशक्तिकरण की मिसाल
द अल्टीमेट फाइटर्स एकेडमी सिवनी, एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में न केवल खेल प्रशिक्षण दे रहा है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा सिखाकर सशक्त कर रहा है। इस संस्था के प्रशिक्षक निशुल्क प्रशिक्षण देकर प्रतिभाशाली बच्चों को एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर कर रहे हैं।
सेंसेई पद्माकर का मानना है, “हमारा उद्देश्य सिर्फ खिलाड़ी तैयार करना नहीं, बल्कि उन्हें ऐसा इंसान बनाना है जो जीवन की हर चुनौती को आत्मविश्वास से मुकाबला कर सके।”
प्रशिक्षण की तकनीक से बदली किस्मत
अनुप्रिया जैसी खिलाड़ी, जो ग्रामीण परिवेश से आती हैं, उन्होंने जिस प्रकार अपने प्रदर्शन से प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है, वह प्रशिक्षण प्रणाली की गुणवत्ता को प्रमाणित करता है। द अल्टीमेट फाइटर्स एकेडमी में खिलाड़ियों को स्पीड, टेक्निक, डिफेंस और माइंड सेट पर विशेष फोकस के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है।
समाज और अधिकारियों से मिला भरपूर समर्थन
अनुप्रिया की इस उपलब्धि पर सिवनी विधायक श्री दिनेश राय, पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार मेहता, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एस. एस. कुमरे, जिला क्रीड़ा अधिकारी श्रीमती जस्सी थॉमस, श्री वीरेंद्र सिंह ठाकुर, श्री संतोष अग्रवाल, श्री अजय पांडे, श्री अनुराग चौबे, श्री परमजीत सिंह सहित कई गणमान्य नागरिकों ने उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। यह दर्शाता है कि जब खिलाड़ी को समाज का साथ मिलता है, तो वह चमत्कार कर सकता है।
मीडिया का भी सराहनीय योगदान
अनुप्रिया की कहानी को जन-जन तक पहुँचाने में सिवनी के प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की अहम भूमिका रही है। द अल्टीमेट फाइटर्स एकेडमी ने पत्रकारों और मीडिया संस्थानों का आभार व्यक्त किया है जिन्होंने इस सफलता को प्रेरणा का स्रोत बनाकर प्रस्तुत किया।
भविष्य की उम्मीदें और राष्ट्रीय मंच पर जीत की आशा
अनुप्रिया का लक्ष्य स्पष्ट है—मध्यप्रदेश के लिए राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतना। वह हर दिन घंटों अभ्यास कर रही हैं, और उनकी तैयारी इस बात की गवाही देती है कि वह दिल्ली के मुक्केबाज़ी रिंग में विरोधियों पर वार करने को पूरी तरह तैयार हैं।
उनकी यात्रा सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक प्रेरणा की कहानी है, जो सिखाती है कि परिश्रम, समर्पण और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
खिलाड़ियों को मिले सम्मान और संसाधन
सेंसेई पद्माकर कहते हैं, “जब एक खिलाड़ी जीतता है, तो उसके पीछे केवल उसका परिश्रम नहीं, बल्कि एक पूरा तंत्र होता है जो उसे संवारता है। हम सभी से अपेक्षा करते हैं कि खिलाड़ियों को केवल तालियाँ ही नहीं, बल्कि अवसर और संसाधन भी मिले, ताकि वे देश का गौरव बन सकें।”
अनुप्रिया का जोश बना प्रेरणा
सिवनी की अनुप्रिया अब केवल एक नाम नहीं, बल्कि हर उस युवा खिलाड़ी की प्रेरणा बन चुकी हैं जो छोटे शहरों से निकलकर बड़ा सपना देखते हैं। उनकी इस सफलता की गूंज केवल दिल्ली के बॉक्सिंग रिंग तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वह सिवनी से लेकर मध्यप्रदेश और भारत भर के युवाओं को साहस और समर्पण की नई परिभाषा बताएगी।