सिवनी शहर की शांति और सुरक्षा पर इन दिनों एक नया और गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है — रात के अंधेरे में उड़ते ड्रोन, जिनकी अनुमति और निगरानी का कोई स्पष्ट विवरण अब तक सामने नहीं आया है। शहरवासियों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिरकार ये ड्रोन कौन उड़ा रहा है और इनकी कानूनी मान्यता कहां से प्राप्त हुई है।
भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ड्रोन उड़ान से बढ़ी चिंता
हर रात सिवनी के अलग-अलग क्षेत्रों, विशेषकर घनी आबादी वाली कॉलोनियों, बाज़ार क्षेत्रों और सार्वजनिक स्थलों के ऊपर ड्रोन कैमरे उड़ते देखे जा रहे हैं। इन ड्रोन की गतिविधियाँ न केवल गोपनीयता का उल्लंघन कर रही हैं, बल्कि यह भी संकेत दे रही हैं कि स्थानीय प्रशासन या तो जानकारी से अनभिज्ञ है या फिर चुप्पी साधे बैठा है। नागरिकों द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो और फोटोज़ इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह समस्या लगातार बढ़ रही है।
प्रशासन की चुप्पी और पुलिस की निष्क्रियता
शहर की कानून व्यवस्था पर यह एक बड़ा प्रश्न बन चुका है कि न कोई अधिकारी बयान दे रहा है, न ही कोई जाँच शुरू हुई है। पुलिस प्रशासन द्वारा इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि इन ड्रोन उड़ानों की अनुमति किसके पास है और ये किस उद्देश्य से संचालित किए जा रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी नीलिमा ठाकुर ने कहा, “शहर के बीचों-बीच रात में ड्रोन उड़ना एक सुरक्षा चूक की तरह है। क्या किसी को भी सुरक्षा तंत्र से खेलने की अनुमति मिल गई है?” वहीं पंकज वर्मा का कहना है, “हर रात ड्रोन उड़ते हैं लेकिन पुलिस या प्रशासन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। आखिर ये उड़ानें हो कैसे रही हैं?”
क्या है ड्रोन उड़ाने का कानूनी प्रावधान?
भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) की पूर्व अनुमति आवश्यक होती है, विशेषकर नगरीय या घनी आबादी वाले क्षेत्रों में। ड्रोन संचालन के लिए यह आवश्यक है कि:
- ड्रोन का पंजीकरण किया गया हो
- उड़ान क्षेत्र की अनुमति हो
- उड़ान से पहले स्थानीय पुलिस को सूचना दी जाए
- नाइट ऑपरेशंस की विशिष्ट अनुमति हो
इन शर्तों के उल्लंघन पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें जुर्माना, जब्ती और जेल की सज़ा तक का प्रावधान है।
क्या कोई साजिश है इन ड्रोन उड़ानों के पीछे?
जब प्रशासन संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा और पुलिस की ओर से कोई जाँच नहीं की जा रही, तो यह आशंका उठना लाजमी है कि यह सब किसी निजी संस्था, जासूसी एजेंसी, या किसी साजिश के तहत किया जा रहा है। गोपनीय सूचनाएं लीक करने, निजी जीवन में हस्तक्षेप, या किसी प्रकार की आपराधिक योजना का यह हिस्सा भी हो सकता है।
गोपनीयता और सुरक्षा पर बड़ा खतरा
नागरिकों की गोपनीयता को लेकर भी बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। यदि ड्रोन बिना अनुमति के रिहायशी इलाकों में उड़ान भर रहे हैं, तो यह सीधा गोपनीयता उल्लंघन है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, रात के समय गतिविधियों की निगरानी और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे तत्व इस खतरे को और भी गंभीर बना देते हैं।
ड्रोन उड़ानों की तुरंत जांच की आवश्यकता
हम मांग करते हैं कि सिवनी जिला प्रशासन को तुरंत एक जाँच कमेटी गठित करनी चाहिए जो:
- सभी संदिग्ध ड्रोन गतिविधियों की जांच करे
- किन संगठनों या व्यक्तियों ने ड्रोन उड़ाए हैं, इसका विवरण सार्वजनिक करे
- दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करे
- जनता को स्पष्ट सूचना दे कि वे इस तरह की घटनाओं में कैसे सतर्क रहें
जनता की भूमिका और सतर्कता जरूरी
जब तक प्रशासन और पुलिस अपनी भूमिका निभाते नहीं दिखते, तब तक जनता की सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। नागरिकों को चाहिए कि वे:
- ऐसे ड्रोन दिखने पर तुरंत वीडियो रिकॉर्डिंग करें
- 112 या स्थानीय पुलिस को सूचित करें
- किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को गंभीरता से लें
क्या प्रशासन को किसी अनहोनी का इंतजार है?
यह सवाल अब हर नागरिक के मन में उठ रहा है कि क्या प्रशासन तब जागेगा जब कोई अनहोनी घटना घटेगी? शहर के बीचों-बीच उड़ते ड्रोन केवल एक तकनीकी खिलौना नहीं, बल्कि एक संभावित खतरे की चेतावनी हैं। क्या सिवनी जिला प्रशासन सुरक्षा नीति में ढील दे रहा है या फिर इसे नजरअंदाज कर रहा है?
पारदर्शिता और सख्ती दोनों की ज़रूरत
आज जब तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है, उसी अनुपात में सुरक्षा और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन भी अनिवार्य हो गया है। बिना अनुमति ड्रोन उड़ानें न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा और गोपनीयता पर प्रत्यक्ष खतरा हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह इस पूरे मामले में पारदर्शिता, कठोरता और जनजागरूकता के साथ कार्य करे।