सिवनी रेलवे समाचार (Seoni Railway News): सिवनी जिले में रेल सुविधा वर्षों से बंद पड़ी है और धीरे धीरे 2022 के गुजरते गुजरते रेल सेवा शुरू होने की उम्मीद बढ़ने लगी है, देरी से ही सही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने सिवनी जिले की सुध ले ही ली, भोमा से सिवनी और सिवनी से भोमा के बीच लगभग 18 किलोमीटर के हिस्से में अभी अभी हुए विद्युतीकरण के काम का कमीशन ऑफ रेलवे सर्विस (CRS) का काम 30 दिसंबर को होना तय हुआ है, रेलवे के अधिकारीयों द्वारा इसकी पुष्टि कर दी गयी है.
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय के से प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 दिसंबर 2022 को सीआरएस के लिए भोमा से ट्रेन सुबह 11 बजे सिवनी के लिए निकलेगी जो सिवनी 12 बजकर 30 मिनिट पर पहुंचेगी.
इसके बाद सिवनी से वापस भोमा के लिए ट्रेन दोपहर 01 बजे सिवनी स्टेशन से निकलकर भोमा 01 बजकर 30 मिनिट पर पहुंचेगी.
दरअसल भोमा से सिवनी आते समय 01:30 घंटे का समय इसलिए लगेगा क्योंकि भोमा से सिवनी आते समय अधिकारीयों द्वारा विद्युतीकरण के कार्य का इंस्पेक्शन किया जाएगा, और सिवनी से वापस भोमा जाते समय सिर्फ 30 मिनिट का समय लगेगा क्यों की वापस जाते समय ट्रेन से विद्युतीकरण के काम का स्पीड ट्रायल का टेस्ट किया जाएगा.
इससे पहले जानकरी यही थी की सिवनी से भोमा के बीच सीआरएस 28 दिसंबर को होना है पर किसी वजह से यह ताल दिया गया, हालाँकि अब 30 दिसंबर को होने वाले सीआरएस को नहीं टाला जाएगा क्योंकि विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है.
मंडला क्षेत्र का सीआरएस लगभग डेढ़ साल पहले पूरा
मण्डला क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में ट्रेक का सीआरएस लगभग डेढ़ साल पहले पूरा किया जाकर नैनपुर से भोमा के बीच के हिस्से के इलेक्ट्रिफिकेशन का सीआरएस 11 मार्च 2022 को पूरा कर लिया गया था। उसके बाद भी चूंकि भोमा से सिवनी होकर चौरई तक के हिस्से का विद्युतीकरण नहीं हुआ था इसलिए यहां सवारी गाड़ी का परिचालन संभव नहीं हो पा रहा था।
सिवनी जिले के हिस्से में भोमा से सिवनी होकर चौरई तक के लगभग 55 किलो मीटर के हिस्से में बिछाए गए ट्रेक (पटरियों) का सीआरएस 11 एवं 12 मार्च 2022 को कर लिया गया था। इसके बाद साढ़े नौ माह में भी महज 55 किलोमीटर के हिस्से में बिजली के खंबे खड़े करने और तार बिछाने का काम पूरा नहीं किया जा सका है, जबकि इन साढ़े नौ माहों में रेलवे के तकनीकि अधिकारियों के पास न तो कोविड का कोई बहाना था न ही अन्य कोई वजह थी जिसे बताकर इस काम में हुए विलंब को न्यायोचित ठहराया जा सकता।
सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन पड़े ढीले वरना पहले हो जाता काम
सूत्रों का कहना था कि बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन अगर रेलवे के अधिकारियों की मश्कें कसकर रखते तो निश्चित तौर पर यह काम न केवल साल भर पहले ही पूरा हो चुका होता वरन अब यहां लोगों को सवारी रेलगाड़ी चलती दिखाई देती।