श्राद्ध पक्ष शुरू हो चुके हैं. 15 दिनों तक चलने वाले इन पितृ पक्ष की शुरुआत आश्विन मास महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से हुई है, जो आश्विन अमावस्या को समाप्त होंगे. इन दिनों पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंड दान कर्म किये जाते हैं.
इस दौरान कई लोग पितृ दोष की भी पूजा करवाते हैं. कहते हैं पितृ दोष दूर करने के लिए आप कई प्रकार के उपाय आजमा सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष के चलते आपको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस दौरान हर जगह से आपके बनते काम धीरे-धीरे बिगड़ते चले जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार, इन उपायों से पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.
पितृ दोष दूर करने के लिए करें ये उपाय
पीपल और बरगद के पेड़ को जल चढ़ायें
पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए आप रोजाना पीपल और बरगद के पेड़ को जल चढ़ायें. इसके साथ ही आप अक्षत, फूल व काले तिल भी अर्पित करें. शास्त्रो के मुताबिक पितृ दोष दूर करने के लिए इन पेड़ों को रोजाना जल दें और पितरों का स्मरण करते हुए अपनी गलती के लिए माफी मांगें. इसके साथ ही आप मंदिर में सिक्के दान कर सकते हैं.
पंचबली भोग लगाने से मिलेगा फल:श्राद्ध तिथि के दिन पितरों को पंचबली भोग अवश्य लगायें. इसका काफी महत्व है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंचबली भोग आप देव, गाय, कुत्ता, कौआ और चींटी को लगा सकते हैं.
सुबह-शाम जलाएं कपूर:पितृ दोष दूर करने के लिए आप रोजाना सुबह और शाम कूपर जलायें. इसके साथ ही गुड़ में घी मिलाकर धूप दें. वहीं गाय, कुत्ता, कौआ और चींटी व चिड़ियों को भोग लगायें. इन्हें रोजाना रोटी भी खिलायें, इससे दोष धीरे-धीरे दूर होंगे.
ब्राह्मणों को करवाएं भोजन:पितृ पक्ष में श्राद्ध तिथि के दिन आप ब्राह्मणों को भोजन जरूर करायें. इसके साथ ही आप पितरों के पसंद का भोजन किसी जरूरतमंदों को दें. ख्याल रखें खाना खुद पकायें भोजन के बाद ब्राह्मणों को दान–दक्षिणा भी दें.
दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगाएं
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए आप दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगा सकते हैं. वहीं घर से बाहर निकालते समय पितरों का स्मरण जरूर करें. इसे काफी शुभ माना जाता है.