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सिवनी: सामुदायिक स्वच्छता परिसर बना शोपीस, शासन द्वारा उपलब्ध राशि का दुरुपयोग

By: SHUBHAM SHARMA

On: Monday, October 14, 2024 4:12 PM

Samuhik-Swacchta-Parisar
सिवनी: सामुदायिक स्वच्छता परिसर बना शोपीस, शासन द्वारा उपलब्ध राशि का दुरुपयोग
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SEONI NEWS: सिवनी जिले में सार्वजनिक स्वच्छता का सवाल गंभीर होता जा रहा है, खासकर ग्राम धारना कला के बस स्टैंड के पास स्थित स्वच्छता परिसर, जो अब शोपीस बनकर रह गया है। इस स्वच्छता परिसर का निर्माण जनपद सभा सिवनी की भूमि पर किया गया था, लेकिन इसका उपयोग आज तक नहीं हो पाया है। यह एक स्पष्ट उदाहरण है कि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि का किस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है।

स्वच्छता परिसर का निर्माण और उसका दुर्दशा

धारना कला में स्थित स्वच्छता परिसर का निर्माण यात्री और स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए किया गया था। इसे सिवनी-बालाघाट रोड पर जनपद सभा सिवनी के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज भूमि पर बनाया गया था। परिसर का उद्देश्य क्षेत्र की स्वच्छता बनाए रखना और यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करना था, लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है। इसके चारों ओर गंदगी का साम्राज्य फैल चुका है, जो परिसर के निर्माण की विफलता और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को दर्शाता है।

जनपद पंचायत और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग की दोहरी भूमिका

इस परियोजना की असफलता के पीछे जनपद पंचायत और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग की दोहरी भूमिका भी प्रमुख कारण है। जनपद सभा सिवनी की भूमि पर बिना अनुमति के स्वच्छता परिसर और पानी की टंकी का निर्माण कर दिया गया था। इस पर करोड़ों रुपए का काम हो चुका है, लेकिन जब वर्तमान सरपंच ने सीमेंट-कांक्रीट रोड के निर्माण के लिए आवेदन भेजा, तो जनपद सभा से अनुमति पत्र लाने की शर्त रखी गई। यह स्थिति विडंबनापूर्ण है क्योंकि पूर्व सरपंच द्वारा लगभग आठ लाख रुपये की लागत से स्वच्छता परिसर का निर्माण कराया गया था, तब ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को अनुमति की आवश्यकता क्यों नहीं पड़ी?

स्वच्छता के नाम पर फैल रही गंदगी

स्वच्छता परिसर के निर्माण के बावजूद, इसके आस-पास गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। जहां एक ओर शासन द्वारा लाखों रुपये खर्च कर स्वच्छता परिसर का निर्माण किया गया, वहीं दूसरी ओर परिसर के आसपास स्वच्छता का नामोनिशान तक नहीं है। यह परिसर अब गंदगी का अड्डा बन गया है और स्वच्छता के उद्देश्यों की पूर्ति में पूरी तरह विफल हो चुका है।

यह स्पष्ट है कि सरकारी योजनाओं का उद्देश्य सिर्फ निर्माण करना नहीं, बल्कि उनकी सही तरीके से शुरुआत करना और उनके रखरखाव पर ध्यान देना भी आवश्यक है। लेकिन इस मामले में स्वच्छता परिसर का निर्माण सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है, जिसका उद्घाटन तक नहीं हो पाया है। यह सरकार की योजनाओं की असफलता और धन के दुरुपयोग का एक गंभीर उदाहरण है।

सरकारी राशि का दुरुपयोग

धारनाकला के इस स्वच्छता परिसर का निर्माण सरकारी फंड से किया गया था, लेकिन इसका सही उपयोग अब तक नहीं हो पाया है। इस परिसर को शुरू करने के लिए न तो कोई ठोस कदम उठाए गए और न ही इसकी देखरेख पर ध्यान दिया गया। परिसर के चारों ओर फैली गंदगी इस बात का प्रमाण है कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन न होने के कारण जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

समाज के प्रति उत्तरदायित्व

यह स्थिति न केवल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि समाज के प्रति उनकी असंवेदनशीलता को भी उजागर करती है। स्वच्छता परिसर का उद्देश्य क्षेत्र की जनता और यात्रियों को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद वातावरण प्रदान करना था, लेकिन यह उद्देश्य विफल हो चुका है। अगर समय पर इस परिसर का उद्घाटन और रखरखाव किया जाता, तो यह शोपीस बनने के बजाय जनता के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन होता।

समाधान के उपाय

  1. प्रशासनिक हस्तक्षेप : इस मामले में प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और इस स्वच्छता परिसर का उपयोग शुरू करना चाहिए ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके।
  2. जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी : जनप्रतिनिधियों को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी परियोजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हों।
  3. सामुदायिक सहभागिता : इस परिसर की देखभाल के लिए स्थानीय समुदाय को भी जिम्मेदार बनाना चाहिए, ताकि स्वच्छता बनाए रखने में उनकी भी भागीदारी हो।

धारना कला का स्वच्छता परिसर एक उदाहरण है कि किस प्रकार शासन की राशि का दुरुपयोग हो रहा है और जनहित की योजनाएं केवल शोपीस बनकर रह जाती हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण यह परियोजना असफल हो चुकी है। अब समय आ गया है कि इस पर ध्यान दिया जाए और इसे शुरू किया जाए, ताकि जनता को इसका वास्तविक लाभ मिल सके।

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