12 वर्षीय लड़के ने अपनी बहादुरी और समझदारी से पैसेंजर ट्रेन रोक कर बचाई सैकड़ों लोगों की जान

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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वो 5वीं कक्षा में पढ़ने वाला एक लड़का है, लेकिन उसकी बहादुरी और सूझ-बूझ के आगे सब कम हैं. बिहार राज्य के अधिकारियों ने उसकी वीरता को सम्मानित करने का फैसला किया है क्योंकि उसने अपनी समझदारी से कई ज़िंदगियां बचाई हैं.

जी हां, इस बहादुर बच्चे का नाम भीम यादव है और उम्र मात्र 12 साल. भीम यादव ने एक तेज़ रफ़्तार पैसेंजर ट्रेन को टूटे हुए रेलवे ट्रैक क्रॉस करने से पहले रोककर सैकड़ों यात्रियों की जान बचा ली. सूत्रों के मुताबिक़ अधिकारीयों द्वारा दिया जाने वाला इनाम नक़द या फिर कोई प्रमाण पत्र हो सकता है.आइये अब जानते हैं इस बहादुर लड़के के बारे में: 12 वर्षीय भीम यादव मंगलापुर स्थित सरकारी मिडिल स्कूल में पढ़ाई करता है. 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले यादव ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. भीम ने ट्रेन के ड्राइवर को जो आगे आने वाले खतरे से अनजान था, को इस खतरे से अवगत कराया कि पश्चिम चंपारण जिले में ट्रैक ख़राब है. इसके लिए उसने भयानक ठण्ड में साहस का परिचय देते हुए अपनी लाल कमीज को उतार कर पटरी पर खड़े होकर लहराना शुरू किया, ताकि ट्रेन में सवार लोगों की जान बचाई जा सके.  स्थानीय जिला शिक्षा अधिकारी, हरेंद्र झा ने Gulf News को बुधवार को बताया, ‘वास्तव में ये बहादुरी भरा कदम है. हम उसे उसकी बहादुरी के लिए और यात्रियों की जान बचाने के लिए इनाम देंगे, जो नक़द या फिर कोई प्रमाण पत्र हो सकता है. हम अभी भी इसके बारे में फैसला कर रहे हैं, लेकिन एक बात निश्चित है कि उसे पुरस्कृत ज़रूर किया जाएगा.’ हरेंद्र झा के अनुसार, उनको अखबारों के माध्यम से भीम की बहादुरी के बारे में पता चला और उन्होंने अपने साथी अधिकारियों के साथ भी लड़के की हिम्मत की बात शेयर की.
ईस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ़ पब्लिक रिलेशन ऑफ़िसर, राजेश कुमार ने Gulf News से कहा, ‘वास्तव में हमें इस बहादुर लड़के पर गर्व है और हम उसकी बहादुरी को सलाम करते हैं.’

क्या था पूरा मामलाबीते सोमवार (18 दिसंबर) की सुबह जब भीम अपने बागों की तरफ जा रहा था, तभी उसने गोरखपुर-नारकातिगंज रेलवे लाइन पर टूटे रेल ट्रैक को देखा. ये देखते ही वो जितनी तेज़ हो सकता था उतनी तेज़ ट्रैक पर ही दौड़ने लगा और अपनी शर्ट उतार कर लहराने लगा, ताकि तेज़ी से आती हुई ट्रेन को रोका जा सके, जिसमें हज़ारों यात्री सवार थे.

रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरू में तो ड्राइवर को पता ही नहीं चला था कि हो क्या रहा है. जब परेशान भीम ने अपनी लाल शर्ट को झंडे की तरह दिखा कर ख़तरे का इशारा किया, तो पैसेंजर ट्रेन के ड्राइवर ने आपातकालीन ब्रेक लगा कर ट्रेन को बीच रस्ते में रोक दिया. उसके बाद ड्राइवर को पता चला कि आगे रेलवे ट्रैक टूटा हुआ था.

भीम ने बताया कि उसने कई बार दूसरे इलाकों के लड़को की बहादुरी के किस्से सुन रखे थे. और शायद इसीलिए वो इस तरह का कदम उठाने की हिम्मत कर पाया.

एक स्थानीय मीडिया से बात करते हुए भीम ने कहा,

‘एक बार मैं के एक गांव में अपने एक रिश्तेदार के घर गया था, जहां पर सब लोग गाँव के एक लड़के की बहादुरी की बातें कर रहे थे. गांववालों द्वारा उस लड़के की तारीफ़ होते हुए देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ था उस वक़्त. मैं भी अपने गांव और समाज के लिए कुछ ऐसा करना चाहता था ताकि लोग मेरे बारे में भी इसी तरह बात करें और मेरी तारीफ़ करें. मैं बहुत खुश हूं कि मैं इतने सारे लोगों की जान बचा पाया.’
गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में देश में ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण कई हादसे हुए हैं और कई लोगों की जानें भी गई हैं. भारत सरकार के विश्लेषण में संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में 31 मार्च, 2017 और 11 अगस्त, 2017 को पेश किए गए आंकड़ों के हिसाब से पिछले 10 सालों में 2016-17 में ट्रेनों के पटरी पर उतरने से हुए हादसों में भारत में मृत्यु दर सबसे ज़्यादा है.

बहादुर भीम यादव के जज़्बे को सलाम!

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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