भारत में ईंधन की कमी नहीं, लॉकडाउन के दौरान उपलब्ध रहेगी एलपीजी: इंडियन ऑयल
आईओसी के चायरमैन संजीव सिंह ने कहा है कि भारत में पेट्रोल, डीज़ल और घरेलू गैस की स्टॉक में है और तीन हफ्ते के लॉकडाउन के दौरान लोगों को परेशानी नहीं होगी। लॉकडाउन के दौरान सिंह काम में लगे हैं ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े, जबकि उनके पिता की निधन लॉकडाउन की घोषणा वाले दिन ही हुआ था।
कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन के बीच लोग घरों में हैं। जरूरी सामान मिलना भी मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में अगर आप गैस सिलेंडर को लेकर परेशान हो रहे हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है।
सरकारी ईंधन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा है कि तीन सप्ताह के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच देश के पास स्टॉक में पर्याप्त पेट्रोल, डीजल और खाना पकाने की गैस (एलपीजी) है।
सभी संयंत्र और डिलिवरी लोकेशन पूरी तरह से चालू हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ईंधन खपत करने वाला देश है। सिंह, जिन्होंने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के दिन ही अपने पिता को खोया, शोक के बावजूद यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि देश के हर कोने में ईंधन पहुंचाया जाए। उन्होंने लोगों को तसल्ली देते हुए कहा है कि देश में किसी भी ईंधन की कोई कमी नहीं है और ग्राहकों को एलपीजी रिफिल की बुकिंग के लिए घबराने की जरूरत नहीं है।
लंबे समय तक की तैयारी
आईओसी चेयरमैन ने बताया है कि हमने पूरे अप्रैल और उसके बाद के लिए भी ईंधन की मांग का आंकड़ा तैयार किया है। हमारे पास हर स्तर पर पर्याप्त मात्रा में रिफाइनरियां हैं जो सारी मांग पूरा कर सकती है। सभी थोक स्टोरेज केंद्रों के अलावा एलपीजी वितरण और पेट्रोल पंप सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। किसी भी ईंधन की बिल्कुल कमी नहीं है। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण व्यापार बंद हो गए, उड़ानें निलंबित हो गईं, ट्रेनें रोकी गईं हैं। इससे लगभग सभी वाहनों का आवागमन रुक गया है, जिससे पेट्रोल, डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की मांग प्रभावित हुई है।
सड़कों से कार-दोपहिया वाहन गायब
ज्यादातर कारें और दोपहिया वाहन सड़कों से गायब हैं, जिससे मार्च में पेट्रोल की मांग में 8 फीसदी की गिरावट आई है जबकि डीजल की मांग में 16 फीसदी की कमी आई है। एटीएफ की मांग में भी 20 फीसदी की गिरावट आई है। आईओसी चेयरमैन के अनुसार एलपीजी की खपत लगातार बढ़ रही है और हम सभी ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिफिल की मांग में 200 प्रतिशत की उछाल देखी गई। दरअसल रिफ़िल की मांग में घबराहट के चलते बढ़ी, क्योंकि मौजूदा स्थिति में लोगों के पास नए सिलेंडर की डिलीवरी नहीं हुई।