Maha Shivratri 2025: सिवनी में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर इस वर्ष भी भक्तों में अत्यधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। इस अवसर पर सिद्धपीठ मठ मंदिर में होने वाले प्रतीकात्मक शिव-पार्वती विवाह एवं शिव बारात के सफल आयोजन हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में आयोजन समिति के वरिष्ठ सदस्यों सहित नगर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया और आवश्यक व्यवस्थाओं पर चर्चा की।
महाशिवरात्रि का पावन पर्व और इसकी महत्ता
महाशिवरात्रि भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह का परम पवित्र पर्व है, जिसे सम्पूर्ण भारतवर्ष में भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और श्रद्धालु उपवास रखते हैं।
सिवनी में यह पर्व हर वर्ष भव्य रूप से मनाया जाता है, जिसमें शिव बारात, रात्रि जागरण, अभिषेक, और विशेष आरती का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी भक्तों में असीम उत्साह है और तैयारियां जोरों पर हैं।
सिद्धपीठ मठ मंदिर में विशेष आयोजन
इस बार सिद्धपीठ मठ मंदिर में होने वाले आयोजन में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर समिति द्वारा इस वर्ष कुछ नए और अद्वितीय कार्यक्रम जोड़े गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- महादेव की भव्य बारात का आयोजन
- विशाल भंडारा एवं प्रसाद वितरण
- रात्रि जागरण एवं शिव भजन संध्या
- विशेष रुद्राभिषेक एवं महामृत्युंजय जाप
- शिव-पार्वती विवाह समारोह
शिव बारात: अनोखा आकर्षण
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सिवनी की सड़कों पर महादेव की दिव्य बारात निकलेगी। इस बारात में भगवान शिव, नंदी बैल, गण, भूत-प्रेत, साधु-संत और विभिन्न झांकियों का मनोहारी दृश्य देखने को मिलेगा। शिव बारात का शुभारंभ सिद्धपीठ मठ मंदिर से होगा और यह नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुनः मंदिर परिसर में समाप्त होगी।
शिव बारात के मुख्य आकर्षण:
- भगवान शिव एवं माता पार्वती की सजीव झांकी
- शिव तांडव नृत्य एवं अखाड़ों का प्रदर्शन
- शंख-घंटा-नगाड़ों के साथ भव्य शोभायात्रा
- श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण
भक्तों के लिए विशेष सुविधाएं
इस वर्ष श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर समिति ने कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं की हैं, जैसे कि:
- भक्तों के लिए नि:शुल्क भंडारा
- विशेष जलपान एवं ठंडाई की व्यवस्था
- मंदिर परिसर में LED स्क्रीन पर लाइव दर्शन
- महिलाओं और वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था
महाशिवरात्रि व्रत का महत्व और पूजा विधि
महाशिवरात्रि व्रत करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन श्रद्धालु विशेष रूप से बेलपत्र, दूध, गंगाजल, धतूरा, शहद, एवं पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
महाशिवरात्रि पूजा विधि:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव को गंगाजल एवं दूध से स्नान कराएं।
- बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, फल एवं फूल अर्पित करें।
- ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
- शिवपुराण का पाठ करें और शिव कथा सुनें।
- रात्रि जागरण करें और भजन-कीर्तन में भाग लें।
- अगले दिन पारण कर व्रत पूर्ण करें।
महाशिवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथा
एक प्राचीन कथा के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन देवता, गंधर्व, ऋषि-मुनि और समस्त जीवधारी भगवान शिव की आराधना करते हैं।
एक अन्य कथा के अनुसार, एक बार एक शिकारी जंगल में शिकार करने गया। प्यास लगने पर उसने एक जलाशय के पास एक वृक्ष पर चढ़कर रात्रि व्यतीत करने का निश्चय किया। अनजाने में उसने उस वृक्ष के पत्ते नीचे गिरा दिए, जो एक शिवलिंग पर गिरे। इससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मोक्ष प्रदान किया।
शिवरात्रि के अवसर पर नगर में विशेष सजावट
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर सिवनी नगर को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है। प्रमुख मंदिरों एवं सार्वजनिक स्थलों को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया है। नगर की गलियों में भक्तों द्वारा हर-हर महादेव के जयकारे लगाए जा रहे हैं।
महाशिवरात्रि का पर्व सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और आत्मशुद्धि का अवसर भी है। सिवनी में आयोजित होने वाले शिव बारात और शिव-पार्वती विवाह से श्रद्धालु अध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करेंगे और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।