सिवनी : ड्रीमलैंड सिटी डोरली छतरपुर को वर्ष 2007 से विकसित किया जा रहा है, लेकिन इस परियोजना में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। फर्म मेसर्स रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेव्लपर्स सिवनी द्वारा विकसित इस परियोजना में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के भूखंडों की विकास प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां पाई गईं।
बिना आंतरिक एवं बाह्य विकास के कालोनी अंतरण का मामला
दिनांक 05 अप्रैल 2021 को तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी सिवनी अंकुर मेश्राम ने ड्रीमलैंड सिटी पार्ट-ए के 480 भूखंडों में से ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर के पास बंधक रखे गए 120 भूखंडों को बंधनमुक्त करने का आदेश दिया। यह आदेश बिना किसी आंतरिक और बाह्य विकास कार्य की पूर्णता और बिना किसी उचित जांच के जारी किया गया।
लक्ष्मीचंद सनोडिया और परमानंद जायसवाल द्वारा पुनरीक्षण याचिका
29 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मीचंद सनोडिया ने पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त आदेश कानून के विरुद्ध और अवैध है। समाजसेवी परमानंद जायसवाल ने 05 नवंबर 2024 को जनसुनवाई में शिकायत प्रस्तुत की।
कलेक्टर सिवनी के न्यायालय में तर्क-वितर्क
- दिनांक 17 दिसंबर 2024 को कलेक्टर सिवनी के खुले न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हुई।
- अधिवक्ता जयदीप सिंह बैस ने कहा कि ईडब्ल्यूएस भूखंडों को विकसित किए बिना और पात्र लोगों को वितरित किए बिना भूखंडों को बंधनमुक्त करना अवैध है।
- परमानंद जायसवाल ने आरोप लगाया कि कालोनी के गार्डन और बाहरी विकास कार्यों की कोई जांच नहीं की गई।
- सरकारी जमीन की हेराफेरी के गंभीर आरोप
- तर्कों में यह भी कहा गया कि आरक्षित ईडब्ल्यूएस भूखंडों को अपात्र लोगों को बेच दिया गया, जिससे समाज के कमजोर वर्गों का हक मारा गया।
हमले की घटना: शिकायतकर्ता पर जानलेवा हमला
- दिनांक 02 दिसंबर 2024 को परमानंद जायसवाल पर तीन अज्ञात हमलावरों ने कचहरी मार्ग पर जानलेवा हमला किया।
- पुलिस ने मामला क्रमांक 0882 दर्ज किया और जांच शुरू की।
- हमले में जायसवाल का दाहिना हाथ टूट गया।
- सरकारी सीसीटीवी कैमरों में हमलावरों के फुटेज सुरक्षित किए गए।
- कलेक्टर का आदेश: न्याय की दिशा में एक कदम
- कलेक्टर सिवनी ने प्रस्तुत तर्कों को ध्यान में रखते हुए पुनरीक्षण याचिका को सुनवाई हेतु स्वीकार किया। अगली सुनवाई 06 जनवरी 2025 को होगी।
समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा का विषय
यह मामला न केवल कानूनी अनियमितताओं का खुलासा करता है, बल्कि यह समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है।
ड्रीमलैंड सिटी डोरली छतरपुर के ईडब्ल्यूएस घोटाले ने विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर बल दिया है। कलेक्टर सिवनी का इस मामले में न्यायपूर्ण दृष्टिकोण समाज में भरोसा कायम करने का प्रयास है।