कुडारी : शासन प्रशासन की पहल है कि किसान को समय पर खाद बीज उपलब्ध हो और समय पर फसल बोनी का कार्य हो सके जिससे अन्यदाता अपनी उपज कर सके। पर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे किसानों की परेशानी बनी हुई है। परमिट कटाने के बाद बगैर खाद के बोनी कर रहे हैं किसान ।
जबकि क्षेत्र मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है जहां जवाबदारो ने पानी फेर दिया है और किसी का कोई पता नहीं किसानों को अभी जरूरत है खाद की लेकिन किसानों की कोई नहीं सुनता? देखा जाए तो किसान हितेसी बताकर किसानों की बात या किसानों की समस्या को अनसुना कर दिया जाता है जिसका उदाहरण है कि किसान लोकल स्थान से अधिक मूल्य दाम देकर खाद की व्यवस्था कर रहा है एक तरफ हर व्यक्ति किसान कोरोना वायरस से आर्थिक रूप से परेशान है?
एक तरफ किसानों ने गेहूं बेचा है तो पेसा भी नही मिला है इससे किसानों की ओर आर्थिक स्थिति खराब हो गई है किसानों की मजबूरी बन गई है कि नगद में दुकानों से खरीद ना पड रहा है जेसे तेसे किसान ने बगैर खाद की बोनी कर दिया है ओर नींदानाशक का भी छीडकाव भी कर दिया अब किसान मेहनत कि कोई कसर नही छोड़ रहा है लेकिन फसलों में खाद डालना है तो खाद नहीं मिल रही है किसान परेशान है दुसरी तरफ किसान पुत्र कहने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी एवं केवलारी विधानसभा के विधायक श्री राकेश पाल जी का इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है|
देखा जाए तो किसान पुत्र नाम के रह गए हैं ? सही मायने में आदिवासी किसानों के सामने अपनी दुम दबाकर बैठे है मंत्री विधायक . लगभग चालीस पैतालीस गाँव के किसान परेशान है कुडारी समिति का गुणगान प्रत्येक किसानों की जुबानी हकीकत बन गया है.