सिवनी: जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. लोकेश चौहान द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार 1 जनवरी को 21 को जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्सेस का कोविड-19 टीकाकरण संबंधि प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. मेशराम तथा सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर की उपस्थिति में किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. लोकेश चौहान द्वारा कोविड-19 बीमारी के लक्षण तथा निकट भविष्य में आने वाली कोरोना वेक्सीन के टीकाकरण के बारे में जानकारी देते हुऐ बताया कि शासन द्वारा कोरोना वेक्सीन सर्वप्रथम स्वास्थ्य कर्मीयों को तथा उसके पश्चात् फ्रंन्टलाईन वर्कर तथा बाद में 50 वर्ष से उपर के नागरीकों को प्राथमिकता के आधार पर दिया जाना है। इस हेतु प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र में तथा ग्रामों में कोविड टीकाकरण बूथ की पहचान कर उसमें टीकाकरण सम्पादित किया जावेगा। टीकाकरण केन्द्र में कम-से-कम तीन कक्ष होना अनिवार्य है।
प्रथम कक्ष में वेक्सीनेशन ऑफीसर होंगे जो पूर्व से चिहिन्त व्यक्ति की पहचान करेगें जिन्हें टीका लगना है तथा कम्प्यूटर /मोबाईल से एप में उक्त व्यक्ति की जानकारी दर्ज करेगें। तत्पश्चात कक्ष क्रंमाक 2 में वेक्सीनेटर जो स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी होगा के पास टीकाकरण हेतु भेजेगें। टीकाकरण पश्चात् लाभार्थी को कक्ष क्रंमाक 3 वेटिंग रूम में आधे घण्टें के लिए वेक्सीनेशन आफीसर क्रमांक 3 के पास उनकी निगरानी में रखा जाएगा।
यदि टीकाकरण पश्चात किसी भी प्रकार की विपरीत प्रतिक्रिया सूचित कि जाती है तो तत्काल उसका वहीं ए.ई.एफ.आई. किट द्वारा उसे सहायता पहुचायी जावेगी। वेक्सीनेशन आफीसर द्वारा लोगों को कोविड टीकाकरण के बारें में आई.ई.सी. एवं अन्य जानकारी दी जावेगीं। बूथ के सभी कर्मचारीयों का कार्य विभाजन स्पष्ट होगा तथा वे अपने जिम्मेदारी के प्रति मुस्तैद रहेगें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. मेशराम ने बताया कि कोविड 19 टीकाकरण अभियान विश्व का सबसे बडा अभियान है तथा यह एक गंभीर संक्रमक बीमारी की रोकथाम हेतु अत्यंत आवश्यक है। अतः इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं कि जावेगी। सभी को अपनी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कार्य करना आवश्यक है। यह अभियान कलेक्टर डॉ राहुल हरिदास फटिंग के नेतृत्व में एवं अन्य विभागों के सहयोग से चलाया जाऐगा।
उन्होंने बताया कि शासन द्वारा वेक्सीन की स्वीकृति प्राप्त होते ही वेक्सीन कोल्ड चेन के माध्यम से टीकारण बूथ तक पहुचायी जाएगी। जिले में लगभग 5750 चिकित्सकों एवं स्टाफ की पहचान कर उनका डाटा कोविड एप में दर्ज किया जा रहा है। ताकि उन्हें वेक्सीन प्राप्त होने के पश्चात् एस.एम.एस. के द्वारा टीकाकरण बूथ एवं दिनांक व समय पर उपस्थित होकर टीकाकरण हेतु सूचना भेजी जावेगी। कोविड वेक्सीन टीकाकरण के पश्चात् संभावित ए.ई.एफ.आई. के नियंत्रण हेतु लक्षण एवं उपचार की जानकारी देते हुऐ आवश्यक औषधियां एवं सामग्री सुनिश्चित करने की जानकारी दी गई।
जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी एस.के.भोयर ने कोविड वेक्सीन टीकाकरण के बारें में लोगों के मन में सही जानकारी के अभाव में भ्रम व डर पैदा न हो इस हेतु लोगों को सही जानकारी समाचार पत्रों, टी.वी., मोबाईल, व्हाटसप, ट्व्वीटर, आदि तथा राजनैतिक, सामाजिक, एवं धार्मिक नेतृत्व को पूर्व से ही इसके बारें में जानकारी दे कर भ्रम की स्थिति न हो यह सुनिश्चित किया जाना होगा ताकि टीकाकरण कार्य में किसी प्रकार की शंका न रहें।