सिवनी: जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में संचालित अशासकीय स्कूलों में ली जा रही शुल्क के संबंध में जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन के निर्देशों के परिपालन में जानकारी प्राप्त की गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में संचालित अशासकीय स्कूलों में ली जा रही शुल्क के संबंध में जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन के निर्देशों के परिपालन में जानकारी प्राप्त की गई है। जिसमें 25 अशासकीय विद्यालयों के द्वारा शुल्क की जानकारी नहीं देने के कारण मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) विधेयक 2020 के नियम के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं.
23 विद्यालय ऐसे हैं, जिनके द्वारा सत्र 2022-23 की तुलना में सत्र 2023-24 में 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वृध्दि किया जाना पाया गया हैं। इन विद्यालयों को भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।
इसी तरह 14 ऐसे विद्यालय जिनके द्वारा सत्र 2023-24 की तुलना में सत्र 2024-25 में 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वृध्दि की गई,इन विद्यालयों को भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। साथ ही 10 विद्यालय जिनके द्वारा ली जा रही शुल्क अधिक हैं, उन विद्यालयों भी अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया गया।
उन्होंने बताया कि सभी नोटिसों के जवाब दिनांक 13.08.2024 तक विद्यालयों से जबाब चाहा गया है, तदुपरांत प्राप्त जबाब के आधार पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) विधेयक 2020 के नियम के आधार पर जिला प्रशासन की ओर से कार्यवाही की जावेगी
अशासकीय विद्यालयों के खिलाफ नोटिस
25 विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस
जिले के 25 अशासकीय विद्यालयों ने निर्धारित शुल्क की जानकारी नहीं दी, जिसके चलते मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) विधेयक 2020 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं।
10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वृध्दि पर 23 विद्यालयों को नोटिस
23 विद्यालय ऐसे हैं, जिन्होंने सत्र 2022-23 की तुलना में सत्र 2023-24 में 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वृध्दि की है। इन विद्यालयों को भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
2023-24 की तुलना में 2024-25 में शुल्क वृध्दि पर 14 विद्यालयों को नोटिस
14 विद्यालय ऐसे हैं, जिन्होंने सत्र 2023-24 की तुलना में सत्र 2024-25 में 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वृध्दि की है। इन विद्यालयों को भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
अधिक शुल्क वसूलने पर 10 विद्यालयों को नोटिस
10 विद्यालय ऐसे हैं, जो निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क वसूल रहे हैं। इन विद्यालयों को भी अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया गया है।
नोटिसों के जवाब की अंतिम तिथि
उत्तर देने की अंतिम तिथि 13 अगस्त 2024
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी नोटिसों के जवाब दिनांक 13.08.2024 तक विद्यालयों से मांगा गया है।
नोटिस के जवाबों के आधार पर कार्यवाही
प्राप्त जवाबों के आधार पर कार्यवाही
प्राप्त जवाबों के आधार पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) विधेयक 2020 के नियमों के तहत जिला प्रशासन की ओर से कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासनिक सख्ती
अशासकीय विद्यालयों पर प्रशासन की नजर
इस प्रकार की कार्यवाही से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा। अशासकीय विद्यालयों को नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
शुल्क संबंधी शिकायतों का निपटारा
अभिभावकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। इससे अभिभावकों को भी राहत मिलेगी और विद्यालयों में पारदर्शिता बनी रहेगी।
विद्यालयों की जिम्मेदारी
विद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वे सभी नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचें।
अशासकीय विद्यालयों में पारदर्शिता का महत्व
शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता
शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता बहुत महत्वपूर्ण है। इससे अभिभावकों और छात्रों दोनों को लाभ होता है।
अधिनियम का पालन अनिवार्य
मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) विधेयक 2020 का पालन करना सभी विद्यालयों के लिए अनिवार्य है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा।
विद्यालयों की छवि पर प्रभाव
नियमों का पालन न करने पर विद्यालयों की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान हो सकता है।