बैतूल में तगड़ी बारिश: नदी नाले उफान पर, झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त; अतिवृष्टि से फसलों को नुकसान

By SHUBHAM SHARMA

Published on:

Heavy-Rain-In-Betul

बैतूल । बैतूल एक सप्ताह तक लगातार झमाझम बारिश के बाद रविवार सुबह मौसम साफ होते ही आमजन को बारिश से राहत मिली थी, परंतु शाम को फिर रिमझिम बारिश का दौर शुरू हुआ जो मंगलवार को जारी है।

मानसून सक्रिय होने सोमवार दरम्यानी रात जिले भर में हुई मूसलाधार बारिश से फिर एक बार नदी-नाले उफनने से यातायात बाधित और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। 24 घंटे के दौरान जिले में हुई औसत 2.56 इंच बारिश से जिले की औसत बारिश का आंकड़ा 27.44 इंच पर पहुंच गया है। जो पूरे वर्षाकाल में होने वाली औसत सामान्य बारिश से आधी से अधिक है।

जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लाक में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। यहां 18 जुलाई तक 46.06 इंच बारिश हो चुकी है। जो जिले जिले की औसत सामान्य वर्षा 43.35 इंच से 27.44 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है।

यह पिछले साल से कई गुना अधिक है। बीते साल इन्हीं दिनों तक 11.31 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। बैतूल से भोपाल का सड़क संपर्क टूटने से आज बैतूल की ओर से जाने वाले कई यात्री बसों को निरस्त करना पड़ा है।

माचना पुल पर शाहपुर में पानी आने से सुबह तक यातायात रोका गया था। सुबह यहां यातायात शुरू कर दिया गया है, लेकिन नदी में अभी पानी की आवक बढ़ी हुई है। यहां माचना का पानी पुल से सटकर निकल रहा है, जबकि सुखतवा में बनाए गए नए डायवर्सन रोड पर हुए कटाव की वजह से इस रोड का यातायात बंद हो गया, इधर खंडवा-बुरहानपुर रोड पर भी धामदेही नदी में आई बाढ़ से यातायात रुक गया है।

अतिवृष्टि से फसलों को नुकसान

बैतूल जिले में पिछले तीन दिनों से रुककर तेज बारिश का दौर जारी है। जिले के ग्रामीण अंचलों के नदी-नाले भी उफान पर है। अति वर्षा के चलते जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं किसान भी अति वर्षा से चिंचित नजर आ रहा है। खेतों में फसले पानी के कारण पीली हो रही है। वहीं कीटो का भी प्रकोप बढ़़ रहा है। बीती रात शाहपुर के माचना पुल पर भी बाढ़ के कारण साढ़े 5 घंटे तक आवाजाही बंद रही।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

Leave a Comment