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सिवनी कलेक्टर क्षितिज सिंघल ने किये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी: अब खुले बोर एवं नलकूप में नहीं रही सुरक्षा व्यवस्था तो इस धरा के तहत होगी कार्यवाही

By SHUBHAM SHARMA

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सिवनी: सिवनी कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी क्षितिज सिंघल ने व्यक्तिगत या सार्वजनिक भूमि पर किए गए नलकूप एवं बोरवेल में सुरक्षा व्यवस्था के इंतेजाम को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। जारी आदेशानुसार व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक भूमि पर नलकूप खनन एवं बोरवेल का निमार्ण करने के उपरांत उसकी सुरक्षा का इंतेजाम न करने पर संबंधित के विरूद्ध धारा 144 द.प्र.सं. के अधीन प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाएगी।

जारी आदेशानुसार भूमि/परिसर के मालिक को बोरवेल / कुएं के निर्माण के लिए कोई भी कदम उठाने से पहले क्षेत्र के संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) / मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर पालिका/परिषद / पंचायत या ग्राम पंचायत के सरपंच/पार्षद को कम से कम 15 दिन पहले लिखित रूप में सूचित किया जाना होगा। सभी ड्रिलिंग एजेंसियों को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से अपना पंजीयन करवाना होगा।

बोर/कुएं के मालिक को निर्माण दौरान साईन बोर्ड लगाना होगा। जिसमें बोर/कुएं के मालिक का नाम एवं पता एवं ड्रिलिंग एजेंसी का नाम एवं पता उल्लेखित करना होगा। इसी तरह बोर/कुएं के निर्माण के दौरान भूमि के मालिक को चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ या कोई अन्य उपयुक्त अवरोध खड़ा करना करना होगा। बोर/कुएं के आवरण के चारों ओर भूमि के मालिक को निम्नतम (0.50×0.50×0.60 मीटर (जमीनी स्तर से 0.30 मीटर उपर जमीन के स्तर से 0.30 मीटर नीचे) मापने वाले सीमेंट / कंक्रीट प्लेटफार्म का निर्माण करना होगा।

इसी तरह बोर/कुएं के निर्माण पश्चात् भूमि मालिक / ड्रिलिंग एजेंसी को स्टील प्लेट को वेल्डिंग करके या बोल्ट और नट के साथ केसिंग पाईप पर एक मजबूत कैंप लगाकर वेल असेंबली की कैपिंग करनी होगी। कुएं या बोर के मालिक को पंप की मरम्मत के मामले में ट्यूबवेल को खुला नहीं छोडा जाए। मरम्मत का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् मिटटी के गडडों और नालियों को भरना सुनिश्चित करेगें।

अनुपयोगी बोर/कुएं को को मिटटी/रेत/बोल्डर/कंकड़/ ड्रिल कटिंग आदि से भरना सुनिश्चित करेगें। ड्रिलिंग होने के पश्चात् जमीन की स्थिति पूर्ववत् किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवार बोर / कुएं के निर्माण पश्चात् उपयोग में आने वाले बोर/कुओं की संख्या एवं अनुपयोगी बोर / कुओं की निगरानी / दस्तावेजीकरण ग्राम पंचायत / कृषि विभाग के माध्यम से किया जायेगा। शहरी क्षेत्रों में में उपरोक्त निगरानी / दस्तावेजीकरण नगरपालिका/परिषद / पंचायत द्वारा किया जावेगा जिसकी संख्यात्मक जानकारी उचित माध्यम से जिला स्तर पर भी प्रेषित की जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्र यदि कोई बोर/कुआं किसी भी स्तर पर अनुपयोगी हो जाता है तो इसका एक प्रमाण-पत्र ग्राम पंचायत/कृषि विभाग को एवं शहरी क्षेत्र में नगरपालिका/परिषद/पंचायत को देना होगा। जिसमें इस आशय का स्पष्ट उल्लेख होगा कि परित्यक्त/अनुपयोगी बोरवेल को जमीनी स्तर तक ठीक प्रकार से भर दिया गया है।

कार्यकारी एजेंसी/विभाग द्वारा परित्यक्त/अनुपयोगी बोरवेल का आकस्मिक निरीक्षण किया जाकर दस्तावेज संधारित किया जाएगा। उक्त दिशा-निर्देशों का पालन कुएं / बोर निर्माण किए जाने वाले सभी भूमि मालिक / ग्राम पंचायत एवं संबंधित विभागों द्वारा अनिवार्य रूप से किया जावेगा। उपरोक्त के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा सुरक्षात्मक उपायों को लागू किए जाने हेतु निम्नानुसार दिशा-निर्देश जारी किए गए है। जिसका विवरण निम्नानुसार है:-

नलकूप खनन कार्य के पंजीयन एवं मॉनीटरिंग हेतु पोर्टलः विभिन्न विभागों / संस्थाओं/निजी व्यक्तियों द्वारा शासकीय/अशासकीय उपयोग हेतु खनित कराए जाने वाले नलकूपों की मॉनीटरिंग हेतु नलकूपों, नलकूप खनन करने वाली एजेंसी, मशीन तथा नलकूप खनन कराने वाले विभाग / संस्थाओं / व्यक्तियों की जानकारी को ट्रैक करने हेतु पोर्टल का निर्माण एम.पी.एस.ई.डी.सी. के माध्यम से कराया जा रहा है। इस पोर्टल पर नलकूप खनन मशीन, खनन एजेंसी को पंजीयन कराना आवश्यक होगा तथा इस पोर्टल पर नलकूप खननकर्ता/एजेंसी द्वारा नलकूप खनन संबंधी जानकारी दर्ज की जावेगी। पोर्टल का अनुश्रवण एवं उपयोग जिला कलेक्टर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा किया जाएगा।

नगरीय निकायों तथा जिला/जनपद / ग्राम पंचायतों को नलकूप खनन से संबंधित जानकारी को पोर्टल पर नियमित अनुश्रवण करना होगा। नलकूप खनन की सूचना पोर्टल पर प्राप्त होने पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खनन उपरांत संबंधित व्यक्ति / संस्था / विभाग द्वारा नलकूप के उपर हैंडपंप / सबमर्सिबल पंप स्थापित कर दिया गया है तथा यदि नलकूप में जल आवक क्षमता प्राप्त नहीं होती है / जल आवक क्षमता कम प्राप्त होती है तो नलकूप की केसिंग के उपर स्टील प्लेट का कैंप लगाकर कैप को नट बोल्ट लगाकर केसिंग में फिक्स कर नलकूप के चारो ओर (0.50×0.50×0.60 meter 0.30 meter above ground level and 0.30 meter below ground level) के साईज का सीमेंट कांकीट ब्लॉक बनाया जाना होगा।

यदि किन्हीं कारणों से नलकूप abandoned होता है, तो नलकूप को संबंधित नलकूप खननकर्ता एजेंसी/व्यक्ति द्वारा मिट्टी/रेत/मुरम आदि से जमीन की सतह तक भरने की कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी। खुले / बंद बोरवेल के केसिंग की कैपिंग का तकनीकी विवरण संलग्नक-01 अनुसार होगा ।

यदि भवन निर्माण अथवा अन्य कारणों के लिए नलकूप/पाइल का खनन किया जाता है, तो खनन की अवधि के दौरान कार्यस्थल की सुरक्षा/बैरिकेटिंग इस प्रकार की जाए, जिससे स्थल के आस-पास कोई बच्चा न पहुँचे सके ।

नगरीय निकायों, जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायतों से संबंधित जन प्रतिनिधियों एवं अभियंताओं तथा अन्य शासकीय अमले को नलकूप खनन के पश्चात उसकी सुरक्षा एवं नलकूप के खुले होने की स्थिति में सुरक्षात्मक कार्यवाही के संबंध में समुचित प्रशिक्षण दिया जाए एवं ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में इस संबंध में पर्याप्त प्रचार प्रसार भी किया जाए। ग्रामसभाओं तथा नगरीय निकायों की बैठकों में भी इसका प्रचार प्रसार किया जाए ।

राज्य शासन द्वारा उपरोक्तानुसार सुरक्षात्मक उपायों को लागू किए जाने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों / संस्थाओं/एजेंसी / व्यक्तियों की होगी।

यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144(2) के तहत एक पक्षीय आदेश पारित किया किया गया है। आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144(5) के अन्तर्गत कलेक्टर न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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