जयपुर । राज्यसभा चुनावों में बिजनेसमैन सुभाष चंद्रा राजस्थान से भाजपा के दूसरे उम्मीदवार होंगे। इसकी जानकारी मंगलवार सुबह प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने दी। सुभाष चंद्रा सोमवार देर रात ही जयपुर पहुंच गए थे।
यहां उन्होंने बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर आगे की रणनीति बनाई।
सुभाष चंद्रा हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सांसद हैं, अब उनका टर्म पूरा हो रहा है। हरियाणा में नंबर गेम इस बार पक्ष में नहीं होने के कारण सुभाष चंद्रा ने राजस्थान से भाजपा से राज्यसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है।
मौजूदा संख्या बल के हिसाब से भाजपा एक सीट पर जीत रही है। दूसरी सीट के लिए उसे 11 वोट चाहिए। भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।
सुभाष चंद्रा भी मैदान में है, वे कांग्रेस-निर्दलीय विधायकों में तोड़-फोड़ करके ही जीत सकते हैं, सीधे तौर पर समीकरण उनके पक्ष में नहीं है।
भाजपा की ओर से पहले प्रत्याशी के तौर पर घनश्याम तिवाड़ी अपना नामांकन भरेंगे, वहीं भाजपा के दूसरे प्रत्याशी के रूप में एस्सेल ग्रुप के मालिक डॉ सुभाष चंद्रा भी अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
नामांकन दाखिल करने से पहले डॉ सुभाष चंद्र ने प्रथम पूजनीय मोती डूंगरी गणेश जी के दर्शन किए। इसके बाद चंद्रा राजस्थान विधानसभा पहुंचें, जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां से मुलाकात की। राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन की अंतिम तिथि है।
राजस्थान विधानसभा में भाजपा के 71 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। दो उम्मीदवारों के लिए 82 वोट चाहिए। बीजेपी समर्थक दूसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 11 वोट कम पड़ रहे हैं।
अगर हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का सर्मथन भाजपा को मिलता है तो कुल संख्या 74 हो जाती है।
फिर दूसरे उम्मीदवार के लिए 8 वोटों की कमी रहती है। कांग्रेसी खेमे में सेंध लगाकर आठ वोट का प्रबंध करने पर ही भाजपा का दूसरा उम्मीदवार जीत सकता है।
कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस के 108, तेरह निर्दलीय, एक आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर 126 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। इसलिए मुकाबला बहुत रोचक है। कांग्रेसी खेमे से भाजपा कुछ निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने के प्रयास में है।
भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करने के साथ ही राज्यसभा चुनाव की बाड़ेबंदी पर भी फैसला हो जाएगा। कांग्रेस और बीजेपी आजकल में अपने-अपने विधायकों की फाइव स्टार होटलों में बाड़ेबंदी कर सकते हैं। विधायकों को सुरक्षित एक जगह रखने के लिए बाड़ेबंदी तय मानी जा रही है।