भारत में कोविड-19 की स्थिति में एक बार फिर हल्का सुधार देखने को मिला है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, सोमवार (16 जून) को सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 7,264 रह गई है, जो कि पिछले दिन की तुलना में 119 मामलों की गिरावट को दर्शाता है। हालांकि, इसी अवधि में 11 नई मौतों की पुष्टि भी की गई है।
भारत में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति: भारत में सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। रविवार को जहां 7,383 सक्रिय मामले थे, वहीं सोमवार को यह आंकड़ा घटकर 7,264 पर आ गया है। इसके साथ ही, पिछले 24 घंटे में 11 मरीजों की मौत हुई है, जिनमें से सबसे ज्यादा 7 मौतें केरल में दर्ज की गईं। इसके अलावा, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से एक-एक मौत की सूचना मिली है।
मरने वालों की जानकारी: 33 वर्षीय युवक समेत बुज़ुर्ग शामिल
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मृतकों में एक 33 वर्षीय युवक केरल से था जबकि अन्य सभी बुजुर्ग थे जो पहले से श्वसन तंत्र और पुरानी बीमारियों से पीड़ित थे। यह डेटा दर्शाता है कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग अभी भी संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
नए सबवैरिएंट्स से संक्रमण में हल्की वृद्धि
हाल ही में सामने आए कोविड-19 के नए सबवैरिएंट्स जैसे कि LF.7, XFG, JN.1, और NB.1.8.1 के कारण कुछ राज्यों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हालांकि संक्रमण की तीव्रता पहले जैसी नहीं है, फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि निगरानी और सतर्कता बनाए रखना अभी भी आवश्यक है।
राज्यवार रिपोर्ट: केरल में सबसे अधिक सक्रिय मामले
नीचे दी गई तालिका में 16 जून के अनुसार राज्यवार सक्रिय मामलों, नए मामलों और मौतों की संख्या दी गई है:
राज्य | सक्रिय मामले | नए मामले (24 घंटे में) | मौतें (24 घंटे में) |
---|---|---|---|
केरल | 1,920 | -87 | 7 |
गुजरात | 1,433 | -08 | 0 |
दिल्ली | 649 | -33 | 1 |
महाराष्ट्र | 540 | -38 | 1 |
कर्नाटक | 591 | +18 | 0 |
राजस्थान | 222 | +30 | 0 |
तमिलनाडु | 220 | -23 | 0 |
यह स्पष्ट है कि केरल और गुजरात जैसे राज्य अभी भी संक्रमण के उच्चतम स्तर पर हैं, हालांकि इनमें भी प्रतिदिन मामलों की संख्या में कमी देखी जा रही है।
विशेषज्ञों की राय: टारगेटेड बूस्टर की सिफारिश
कोविड-19 की हालिया स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि जनरल पब्लिक के लिए बड़े स्तर पर बूस्टर वैक्सीन अभियान चलाने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, यह सलाह दी गई है कि बूस्टर डोज़ केवल उन्हीं लोगों को दी जाए जो हाई रिस्क ग्रुप में आते हैं — जैसे कि बुजुर्ग, इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज़्ड व्यक्ति, और क्रॉनिक बीमारियों से ग्रसित लोग।
हाइब्रिड इम्युनिटी (जो कि वैक्सीनेशन और पूर्व संक्रमण दोनों से विकसित हुई है) भी इस निर्णय का एक महत्वपूर्ण कारण है।
एहतियाती उपायों पर ज़ोर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक बार फिर ज़ोर दिया है कि चाहे संक्रमण की दर कम हो रही हो, लेकिन मास्क पहनना, हाथों की सफाई और भीड़भाड़ से बचाव जैसे कोविड उपयुक्त व्यवहार अब भी उतने ही जरूरी हैं।
केंद्रीय सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किए हैं, जिसमें सतर्कता बनाए रखने और स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार रखने की सिफारिश की गई है।
समान लक्षणों वाले संक्रमणों से अंतर करना आवश्यक
विशेषज्ञों ने यह भी बताया है कि सीज़नल वायरल संक्रमणों और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक एक जैसे होते हैं — जैसे कि बुखार, थकान, खांसी, आदि। ऐसे में लोगों को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए और लक्षण दिखने पर जल्द जांच कराना और इलाज शुरू करना जरूरी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पुनः लोगों से अपील की है कि वे रोकथाम के उपायों, खासकर मास्किंग और हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान दें।
कोविड टेस्टिंग और हेल्पलाइन सेवाएं
यदि किसी व्यक्ति को कोविड-19 के लक्षण महसूस हों, तो वह नज़दीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या निजी अस्पताल में जाकर RT-PCR टेस्ट करवा सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय कोविड हेल्पलाइन नंबर 1075 पर कॉल करके जरूरी सलाह प्राप्त की जा सकती है।
स्थिति नियंत्रण में लेकिन सतर्कता ज़रूरी
हालांकि वर्तमान आंकड़े राहत देने वाले हैं और संक्रमण की दर में कमी दर्शाते हैं, फिर भी नए वैरिएंट्स के चलते संक्रमण फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। इसलिए हमें अपनी सतर्कता को कम नहीं करना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय और डॉक्टर्स की सलाह का पालन करते हुए, नियमित जांच, साफ-सफाई, मास्किंग और वैक्सीन अपडेट को बनाए रखना समय की मांग है।