सवर्णों को मिलेगा 10% आरक्षण, जानिए क्‍या होंगी लाभ की शर्तें?

By SHUBHAM SHARMA

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8 लाख से कम आदमनी वाले गरीब सवर्णों को मिलेगा 10% आरक्षण, जानिए क्‍या होंगी लाभ की शर्तें?

इसी तरह 1000 स्‍क्‍वायर फीट से छोटे मकान वालों को आरक्षण का मिलेगा.

नई दिल्‍ली: मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी के नेतृत्‍व में कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई. इसको लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का बड़ा तोहफा माना जा रहा है.

अब बड़ा सवाल उठता है कि गरीब सवर्ण के रूप में पहचान किस तरह होगी? इस संबंध में सूत्रों के मुताबिक आठ लाख से कम वार्षिक आमदनी वाले सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसी तरह 1000 स्‍क्‍वायर फीट से छोटे मकान वालों को आरक्षण का मिलेगा.

सूत्रों के मुताबिक इस फैसले को लागू करने के लिए मोदी सरकार आरक्षण के मौजूदा कोटे को 50% से बढ़ाकर 60 फीसद तक कर सकती है.

इसी तरह जिनके पास 5 हेक्‍टेयर से कम ज़मीन होगी उनको आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसी तरह अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र के भीतर यदि 100 गज से कम का और गैर-अधिसूचित क्षेत्र में 200 गज के आवासीय प्‍लॉट वालों को आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के रूप में चिन्हित किया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि इस तबके के सवर्ण समुदाय को आरक्षण का लाभ मिलेगा.

बताया जा रहा है कि आरक्षण का फॉर्मूला 50%+10 % का होगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है. सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है. इसके तहत आर्थिक आधार पर सभी धर्मों के सवर्णों को दिया जाएगा आरक्षण. इसके लिए संविधान के अनुच्‍छेद 15 और 16 में संशोधन होगा.

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास.(फाइल फोटो)

सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास. सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है. पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं.

मालूम हो कि करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी. इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा है.

पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी+ को 80 में से 73 सीटें मिली थीं. इस बार बीजेपी को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हाथ मिला लिया है. इसके बाद माना जा रहा था कि बीजेपी इस गठबंधन से निपटने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है. सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले को सरकार का मास्टस्ट्रोक माना जा रहा है.

दरअसल सियासी विश्‍लेषकों के मुताबिक सपा-बसपा ने यूपी में अपने चुनावी गठबंधन में कांग्रेस को रणनीति के तहत शामिल नहीं करने का फैसला किया है. उसके पीछे बड़ी वजह मानी जा रही है कि बीजेपी के सवर्ण तबके में बंटवारे के लिहाज से कांग्रेस और सपा-बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ने जा रहे हैं ताकि सवर्णों का वोट बीजेपी और कांग्रेस में विभाजित हो जाए. लेकिन लंबे समय से गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग के चलते इस घोषणा से बीजेपी को सियासी लाभ मिल सकता है.

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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