Home » ज्योतिष और वास्तु » इस बार इस दिन किया जाएगा प्रदोष व्रत, जानिए इसको करने से क्या मिलते हैं लाभ और व्रत पूजा विधि

इस बार इस दिन किया जाएगा प्रदोष व्रत, जानिए इसको करने से क्या मिलते हैं लाभ और व्रत पूजा विधि

By Ranjana Pandey

Published on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक महीने की दोनों पक्षों (शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष) की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत भगवान शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम दिन माना गया है। ऐसा बताया जाता है कि अगर इस दिन भगवान शिव जी की विशेष पूजा की जाए तो इससे जीवन की सारी परेशानियां भगवान दूर करते हैं। यह तिथि विशेष रूप से भगवान शिव जी को समर्पित होती है। इस बार आश्विन मास में शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 17 अक्टूबर 2021 दिन रविवार को किया जाएगा।


आपको बता दें कि इस बार का प्रदोष व्रत रविवार को पड़ रहा है, इस वजह से इसको रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का फल वार (सप्ताह का दिन) के अनुसार ही प्राप्त होता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से प्रदोष व्रत करने से आपको क्या-क्या लाभ मिलेंगे और इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है इसके बारे में बताने वाले हैं।

प्रदोष व्रत मुहूर्त-
अश्विन मास शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ- 17 अक्टूबर 2021 दिन रविवार को शाम 05:39 बजे से

अश्विन मास शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त- 18 अक्टूबर 2021 दिन सोमवार शाम 06:07 बजे पर

पूजन का समय- शाम 05:49 बजे से रात 08:20 मिनट तक

जानिए पूजा सामग्री
बेलपत्र,भांग, धतूरा, शहद, कपूर,धूप, दीप, सफेद पुष्प व माला, आंकड़े का फूल, घी, सफेद चंदन, सफेद मिठाई, एक जल से भरा हुआ कलश, सफेद वस्त्र, आम की लकड़ी, हवन सामग्री आदि।

जानिए प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  1. जो लोग प्रदोष व्रत कर रहे हैं उनको इस दिन सुबह के समय जल्दी उठ जाना चाहिए और स्नान आदि से निवृत्त होने के पश्चात साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लीजिए।
  2. इसके बाद आप मंदिर में धूप-दीप जलाकर व्रत करने का संकल्प लें।
  3. अब आप तांबे के पात्र में जल ले लीजिए और उसके अंदर रोली, फूल डालकर भगवान सूर्य देवता को अर्पित कीजिए।
  4. आप इस दिन पूरे दिन निराहार रहकर भगवान शिव जी का स्मरण करते हुए व्रत कीजिए।
  5. आप शाम को प्रदोष काल में पुनः भगवान शिवजी की पूजा कीजिए।
  6. आप भगवान शिव जी का दूध, दही, शहद आदि से अभिषेक करें। इसके बाद आप गंगाजल से अभिषेक करके भगवान शिव जी पर चंदन अर्पित कीजिए।
  7. अब आप फल, फूल और मिष्ठान आदि अर्पित कीजिए। भगवान शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण करते हुए विधि-विधान पूर्वक पूजा संपन्न करके आप आरती करें।
    जानिए रवि प्रदोष व्रत करने से क्या मिलते हैं लाभ
    सबसे पहले आप जान लीजिए कि प्रदोष व्रत भगवान शिव जी को समर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन व्रत किया जाए तो भगवान शिव जी की कृपा से व्यक्ति के जीवन की सारी दु:ख परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इतना ही नहीं बल्कि निरोगी काया की भी प्राप्ति होती है। जैसा कि हम लोग जानते हैं रविवार का दिन भगवान सूर्य नारायण को समर्पित होता है। इसी वजह से इस दिन व्रत पूजन करने से सूर्य देव की भी कृपा व्यक्ति को मिलती है। सूर्य देवता की कृपा से व्यक्ति की मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है।

Leave a Comment