कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि दो नवंबर मंगलवार को देश में धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। इस धनतेरस पर शुभ त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है।
इस दिन सोना-चांदी, स्टील, फूल, पीतल के बर्तन की खरीदारी करना शुभ माना गया है। धनतेरस के लिए राजधानी का बाजार भी सजकर तैयार हो गया है। धनतेरस पर हर साल रायपुर के बाजारों के करोड़ों का कारोबार होता है। बर्तन और सर्राफा दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
प्राप्त होता है तीगुना फल
धनतेरस के दिन विशेष नक्षत्रों और कालखंड के संयोग से त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इस योग में जो भी कार्य किया जाता है, उसका तिगुना फल प्राप्त होता है।
त्रिपुष्कर योग के अलावा अमृत योग भी धनतेरस के दिन बन रहा है। अमृत योग नई चीजों की खरीदारी के लिए उत्तम माना गया है। यह योग धनतेरस के दिन सुबह 10ः30 बजे से दोपहर 1ः30 बजे तक रहेगा।
इसमें सूर्य, मंगल और बुध ग्रह धनतेरस के दिन तुला राशि में गोचर करेंगे। बुध और मंगल मिलकर धन योग का निर्माण करते हैं। वहीं सूर्य-बुध की युति बुधादित्य योग का निर्माण करेगी। यह योग तुला राशि में बन रहा है, जो व्यापार की कारक राशि मानी जाती है। मंगल-बुध की युति व्यापार के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
धनवंतरि की आराधना का महान पर्व है धनतेरस
बता दें कि धनवंतरि को सनातन धर्म में आयुर्वेद का प्रवर्तक और देवताओं का वैद्य माना जाता है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार पृथ्वी लोक में इनका अवतरण समुद्र मंथन से हुआ था।
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरि, चतुर्दशी को काली माता, अमावस्या को भगवती लक्ष्मी का सागर से प्रादुर्भाव हुआ था।
इस कारण दीपावली के दो दिन पूर्व त्रयोदशी को भगवान धनवंतरि का जन्मदिवस मनाया जाता है। भगवान धनवंतरि हर प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाते हैं।