बच्चों के पालन-पोषण व सही-गलत सिखाने का सभी माता-पिता के पास अलग-अलग तरीका होता है। कोई डांट कर तो कोई प्यार से बच्चों को सही चीजें सिखाता है। गलती करने पर भी बच्चों को सजा देने का तरीका भी मां-बाप के पास अलग-अलग होते हैं। लेकिन कभी-कभी आपको नहीं पता होता है कि आप अनजाने में बच्चों को गलत तरीके से सीखा रहे हैं या फिर उन्हें सजा दे रहे हैं। ऐसा करने से बच्चों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप किस तरीके से बच्चों को सिखाएं व उनकी गलतियों पर किस तरह से सजा दें।
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अपना गुस्सा बच्चों पर न निकालें
कभी-कभी मां-बाप अपने ऑफिस का गुस्सा या किसी और बात का गुस्सा अपने बच्चों पर निकाल देते हैं। माता-पिता गुस्से में अपने बच्चे को उस गलती की सजा दे देते हैं जिसे नजरअंदाज किया जा सकता था। बच्चे को अनुशासन सिखाते वक्त अपनी दूसरी समस्याओं और गुस्से को अलग रखें।
किसी तरह का लालच न दें
अधिकतर जब बच्चे बीच सड़क पर या कहीं भी शरारत करने लगते हैं या नखरें दिखाते हैं तो माता-पिता उनको तरह-तरह चीजों की लालच देने लगते हैं। अगर वो सही से रहेगा तो उसे आइसक्रीम या खिलौना मिलेगा। ऐसा करना बेहद गलत है। क्योंकि इसके बाद भी बच्ची सही बर्ताव करने के बदले आपसे अपनी डिमांड को पूरा करवाने की कोशिश करेगा।
पब्लिक में न चिल्लाएं
अधिकतर माता-पिता बच्चों को किसी मॉल में, पब्लिक प्लेस में या फिर किसी पार्क में ही डांटना शुरू कर देते हैं। इस दौरान बच्चा आपकी बातें न सुनकर वो इस बात पर ध्यान देने लगता है कि आसपास के लोग सुन रहे हैं। इसलिए हमेशा बच्चे को एकांत में उसके व्यवहार के बारे में बताएं ताकि वो अपने बुरे व्यवहार को छोड़ सके।
जरूरत से ज्यादा रिएक्ट न करें
माता-पिता अपने बच्चे की छोटी गलती पर भी जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं। इस कारण बच्चा अपने साफई में जो बात कह रहा होता है आप उसे सुन नहीं पाते हैं जो कि बहुत बड़ी गलती है। क्योंकि जब आप बच्चे से चिल्लाकर बात कहते हैं तो वो सुनन बंद कर देता है या फिर आपकी तरह ही चिल्लाने लगता है। इसलिए उसकी गलती पर चिल्लाने की बजाए उसे सजा देने की बात कहकर डराएं।