Home » देश » Teachers’ Day 2021: जानिए शिक्षक दिवस के बारे में , क्या है इस दिन का इतिहास और महत्व

Teachers’ Day 2021: जानिए शिक्षक दिवस के बारे में , क्या है इस दिन का इतिहास और महत्व

By Ranjana Pandey

Published on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

हर व्यक्ति के जन्म के साथ ही एक कुम्हार के कच्चे घड़े के समान ही होता है लेकिन व्यक्ति को जीवन को मूल्यवान बनाने में अहम भूमिका निभाता होता है एक गुरु। हर इंसान की पहली गुरु उसकी मां होती है और उसके बाद शिक्षा ग्रहण के दौरान एक शिक्षक ही मनुष्य को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाता है। हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं शिक्षक दिवस का इतिहास क्या है और भारत में कब से मनाया जा रहा है।


देश में शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक होने के साथ-साथ आजाद भारत के दूसरे उप राष्ट्रपति और पहले राष्ट्रपति थे। साथ ही एक महान दार्शनिक भी थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने करीब 40 साल तक एक शिक्षक के रूप में कार्य किया था।


देशभर में शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा साल 1962 में शुरू हुई थी। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाने के लिए उनके छात्रों ने ही उनसे इस बात को लेकर स्वीकृति ली थी। तब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाए इस दिन शिक्षकों के सम्मान में मनाना चाहिए। तब उन्होंने खुद इस दिन को शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस आयोजित करने का सुझाव दिया। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन कहते थे कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है, जहां हमें कुछ ना कुछ सीखने को मिलता रहता है।


डॉ राधाकृष्णन का जन्म साल 1888 में तमिलनाडु के तिरूतनी नामक एक गांव में हुआ। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का बचपन बेहद गरीबी में बीता था। कृष्णन बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे। गरीबी में भी वह पढ़ाई में पीछे नहीं रहे और फिलॉसफी में एम.ए किया, फिर इसके बाद 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में फिलॉसफी के असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया, फिर कुछ साल बाद प्रोफेसर बने। देश के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के साथ ही कोलंबो एवं लंदन यूनिवर्सिटी ने भी डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मानक उपाधियों से सम्मानित किया। 1949-1952 तक वह मास्को में भारत के राजदूत रहे और 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति बनाए गए। बाद में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।


इसलिए है शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस पर छात्र अपने शिक्षक का सम्मान करने के लिए आतुर रहते हैं। छात्रों के लिए यह खास दिन होता है। इस खास दिन पर छात्र शिक्षकों द्वारा उनके भविष्य को संवारने के लिए किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद अर्पित करते हैं। स्कूल व कॉलेजों में छात्र शिक्षकों को उपहार देते हैं व उनके लिए विशेष सम्मान समारोह आयोजित करते हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment

HOME

WhatsApp

Google News

Shorts

Facebook