भगवद गीता के किंडल वर्जन को लॉन्च करते हुए बोले पीएम मोदी- यह प्रयास युवाओं को जोड़ेगा

By Khabar Satta

Updated on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामी चिद्भवानंदजी की भगवद गीता का किंडल संस्करण लॉन्च किया। वे अभी इस कार्यक्रम को संबोधित भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल युवाओं में ई-बुक्स बहुत प्रसिद्ध होते जा रहे है। इस कारण किंडल संस्करण गीता के विचार से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ेगा।

Live Updates:

-पीएम ने कहा कि मैं विशेष रूप से अपने युवा मित्रों से भगवद् गीता पर एक नजर डालने का आग्रह करूंगा। उपदेश बेहद व्यावहारिक और भरोसेमंद हैं। आज के इस जीवन में, गीता शांति प्रदान करेगी।

-मोदी बोले- गीता की सुंदरता उसकी गहराई, विविधता और नम्यता में है। आचार्य विनोबा भावे ने गीता को एक ऐसी माता के रूप में वर्णित किया जो उसे ठोकर लगने पर अपनी गोद में ले लेती है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, महाकवि सुब्रमण्यम भारती जैसे महान लोग गीता से प्रेरित।

-पीएम ने अपने संबोधन के दौरान स्वामी चिद्भवानंद जी को श्रद्धांजलि दी। कहा कि  मन, शरीर, हृदय और आत्मा- उनका जीवन भारत के उत्थान के लिए समर्पित था।

-पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के मूल में धन और मूल्य पैदा करना है, न केवल अपने लिए बल्कि बड़ी मानवता के लिए। हमारा मानना है कि अत्मनिर्भर भारत पूरी दुनिया के लिए सहायक है।

-पीएम मोदी बोले- हाल के दिनों में जब दुनिया को दवाओं की जरूरत थी, भारत ने उन्हें प्रदान करने के लिए जो कर सकता है, वह किया। भारत इस गर्व महसूस कर रहा है कि दुनिया भर में मेड इन इंडिया के टीके चल रहे हैं। हम मानवता की मदद करने के साथ ही अच्छे रहना चाहते हैं। गीता हमें यही सिखाती है।

-पीएम मोदी ने स्वामी चिद्भवानंद की भगवद गीता के किंडल संस्करण के शुभारंभ पर कहा, ‘गीता हमें सोचने पर मजबूर करती है। हमें सवाल करने के लिए प्रेरित करती है। यह डिबेट को प्रोत्साहित करती है और हमारे दिमाग को खुला रखती है। गीता से प्रेरित कोई भी व्यक्ति हमेशा स्वभाव से दयालु और लोकतांत्रिक होगा।’

-भगवद गीता का किंडल वर्जन लॉन्च करते हुए बोले पीएम मोदी, ‘युवाओं में ई-बुक्स बहुत प्रसिद्ध होते जा रहे है। यह प्रयास गीता के विचार से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ेगा।’

यह आयोजन स्वामी चिद्भवानंदजी की भगवद गीता की 5 लाख से अधिक प्रतियों को बिकने के बाद किया जा रहा है। स्वामी चिद्भवानंदजी तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के थिरुप्पराईथुराई में श्री रामकृष्ण तपोवनम आश्रम के संस्थापक हैं। स्वामीजी ने 186 पुस्तकों और साहित्यिक रचना की सभी विधाओं को लिखा है। गीता पर उनका विद्वतापूर्ण कार्य इस विषय पर सबसे व्यापक पुस्तकों में से एक है। गीता का उनका तमिल वर्जन 1951 में छपा था। फिर इसे 1965 में अंग्रेजी में भी छापा गया। फिर गीता का तेलगु, उड़िया, जर्मन, जापानी में भी अनुवाद हुआ।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

Leave a Comment