नई दिल्ली। शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के बाहर हुए बम धमाके पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजदूत रॉन मल्का ने कहा कि हमारे पास इस बात के पर्याप्त कारण हैं कि यह एक आतंकी हमला है लेकिन हमें इसे लेकर कोई अचरज भी नहीं है। हम लोगों को पिछले कई हफ्तों से इस तरह की करतूत की आशंका थी। इस बीच जानकारी यह भी है कि टैक्सी सवार दो दहशतगर्दों ने घटना से चंद मिनट पहले दूतावास के पास बंगले के सामने बने फुटपाथ की झाडि़यों में गुलाबी रंग के दुपट्टे में लपेटकर बम रखा था।
घटना की हर एंगल से जांच
राजदूत ने एक साक्षात्कार में बताया कि इस घटना की हर कोण से जांच की जाएगी। 2012 में इजरायली राजनयिकों पर हुए हमले से इस घटना का तो कोई संबंध नहीं इस पर भी जांच होगी। उन्होंने बताया कि इस हमले की जांच में इजरायली प्रशासन और दूतावास भारतीय जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग दे रहा है।
संबंधों को बेपटरी करने की मंशा तो नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या इस हमले के पीछे इजरायल के अरब देशों से संबंध सुधार प्रक्रिया को बेपटरी करने की तो मंशा नहीं है, उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतों से पश्चिम एशिया में अशांति पैदा करने की मंशा रखने वाले न तो हमें रोक सकते हैं और न ही हमें डरा सकते हैं। शांति स्थापित करने के हमारे प्रयास बिना किसी व्यवधान के चलते रहेंगे।
भारतीय एजेंसियां ही करेंगी जांच
यह पूछे जाने पर कि क्या इस धमाके की जांच में इजरायली एजेंसियां भी शामिल होंगी, उन्होंने कहा कि हम हर तरह सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन यह हमला भारत की भूमि पर हुआ है इसलिए मुख्य जांच भारतीय एजेंसियां ही करेंगी। मौके पर मिले नोट में ईरान की ओर इशारा होने की बात पर राजदूत ने कहा कि चूंकि अभी जांच चल रही है इसलिए अभी मेरा कुछ कहना उचित नहीं है।
गुनहगारों को हम खोज लेंगे
राजदूत रॉन मल्का ने कहा, मैं अभी यही कह सकता हूं कि हम अभी सभी सुबूतों को एक-एक कर जमा कर रहे हैं और इस पहेली को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। अंतत: हम पता लगा लेंगे कि इस हरकत के पीछे कौन है।
आंतकी घटना माना
मालूम हो कि जैश-उल-हिंद नाम के संगठन ने इंटरनेट मीडिया के जरिये धमाके की जिम्मेदारी ली है। इस बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारा पूरा यकीन है कि यह एक आंतकी घटना है। हमला ऐसे दिन हुआ जब हम भारत के साथ अपने पूर्ण राजनयिक संबंधों के 29 साल पूरे होने पर खुशी मना रहे थे। हमला कहीं जानबूझ कर तो इस दिन नहीं किया गया तो इस पर हम जांच करेंगे।
सीसीटीवी फुटेज में दो युवकों की तस्वीरें कैद
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एनएसजी की टीम ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। सेल और क्राइम ब्रांच की टीमें धमाके वाली जगह के आसपास के बंगलों के अलावा कनाडा, ब्राजील और इजरायल के दूतावासों के आसपास की फुटेज खंगाल रही हैं। इस दौरान कुछ सीसीटीवी फुटेज में टैक्सी सवार दो युवकों की तस्वीरें कैद मिली हैं। घटना से कुछ देर पहले दोनों वहां आए थे। इनमें से एक ने टैक्सी से उतर कर झाडि़यों में गुलाबी रंग के दुपट्टे में बम रख दिया था।
आइबी व स्पेशल सेल भी छानबीन में जुटीं
उधर, गृह मंत्रालय के दबाव को देखते हुए आइबी व स्पेशल सेल की तीनों यूनिटों ने जांच तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद से भी भारतीय जांच एजेंसियां मदद ले रही हैं। पुलिस ने शनिवार को एप आधारित छह टैक्सी कंपनियों को पत्र लिखकर जानकारी मुहैया कराने को कहा है कि शुक्रवार को उनकी किन-किन टैक्सियों की बुकिंग नई दिल्ली जिले में दूतावास के आसपास जाने के लिए हुई थी।
45 हजार मोबाइल नंबरों की हो रही
यही नहीं दिल्ली पुलिस मोबाइल नंबरों के जरिये दहशतगर्दों की पहचान में जुटी है। इसके लिए विभिन्न टेलीकाम कंपनियों के 45000 मोबाइल नंबरों का डंप डाटा पुलिस ने उठाया है। दिल्ली पुलिस को मिली चिट्ठी से धमाके के तार ईरान से भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में पुलिस ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से हाल के दिनों में ईरान से भारत आए लोगों की जानकारी मांगी है।
लिफाफे में मिला अंग्रेजी में लिखा नोट
उल्लेखनीय है शुक्रवार को अति सुरक्षा वाले लुटियंस जोन में स्थित इजरायली दूतावास के निकट एक कम तीव्रता वाले बम (आइईडी) धमाका किया गया था। धमाका दूतावास की इमारत से 150 मीटर दूर हुआ जिससे कई गाडि़यों के शीशे चकनाचूर हो गए थे। मौके पर इजरायली राजदूत के नाम पर एक लिफाफे में अंग्रेजी में लिखा नोट मिला जिसमें धमाके के पीछे ईरान का हाथ होने का इशारा किया गया।