Seoni, Barghat News: बरघाट जनपद के अंतर्गत छपारा, पौनार कला और पौनार खुर्द पंचायतों के ग्रामीणों की पीड़ा आज भी जारी है। मोक्षधाम जाने वाले मार्ग और पुलिया का निर्माण न होने के कारण, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर बहती नदी के पानी में अर्थियां पार करने को मजबूर हैं। वर्षों से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के बावजूद, समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ है।
प्राकृतिक आपदा और स्थानीय समस्याएं
बरसात के मौसम में स्थिति और भी विकट हो जाती है। नदी का पानी गले तक भर जाता है, और ऐसे समय में अर्थी को नदी पार कराना अत्यधिक जोखिम भरा कार्य बन जाता है। ग्रामीणों को अर्थी को बहते पानी में संभालने के लिए दर्जनों लोगों की आवश्यकता होती है। यह न केवल उनके लिए शारीरिक रूप से कठिन है, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी आघात पहुंचाने वाला अनुभव है।
विकास की अनदेखी: स्थानीय प्रशासन की उदासीनता
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अनेकों बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से पुलिया के निर्माण की मांग की है। हालांकि, हर बार केवल चुनाव के समय ही आश्वासन दिए जाते हैं। चुनाव खत्म होते ही सभी वादे भूल जाते हैं। छपारा क्षेत्र के विधायक कमल मरशकोले और पूर्व विधायक अर्जुन सिंह ने इस समस्या को हल करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन आज तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
यह भी पढ़ें: सिवनी: मोती नाला मोक्षधाम की ये वीडियो देख आंखों से आ जाएंगे आँसू, नगर प्रशासन बेपरवाह
सांसद महोदय की निष्क्रियता
सिवनी और बालाघाट जिले के सांसदों को भी इस गंभीर समस्या से अवगत कराया गया है। हालांकि, उनकी ओर से भी केवल आश्वासन की राजनीति देखने को मिली है। क्षेत्रीय जनता ने बार-बार गुहार लगाई है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण ग्रामीणों की समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं।
ग्रामीणों की व्यथा: हर दिन एक नई चुनौती
ग्रामीण बताते हैं कि मोक्षधाम तक जाने का मार्ग न होने के कारण, उन्हें अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। कमर तक पानी में अर्थी को पार कराना जहां मुश्किल होता है, वहीं गले तक पानी भर जाने की स्थिति में यह और भी कठिन हो जाता है।
बहते पानी में अर्थी को संभालने की चुनौती
बहते पानी में अर्थी को स्थिर रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ग्रामीणों को न केवल खुद को संभालना पड़ता है, बल्कि अर्थी को सुरक्षित तरीके से पार कराने की भी जिम्मेदारी होती है। यह स्थिति मानवता के लिए एक बड़ी विडंबना है।
पुलिया निर्माण की आवश्यकता: स्थायी समाधान की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया का निर्माण उनकी समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। यदि मोक्षधाम तक पहुंचने के लिए एक सुरक्षित और सुलभ मार्ग बनाया जाए, तो यह न केवल उनकी पीड़ा को कम करेगा, बल्कि उन्हें जीवन की इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को सम्मानपूर्वक पूरा करने का मौका भी देगा।
प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत
अब समय आ गया है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी को समझें। यह जनता की बुनियादी आवश्यकता है और इसे अनदेखा करना किसी भी सूरत में सही नहीं है। पुलिया निर्माण न केवल ग्रामीणों के लिए राहत प्रदान करेगा, बल्कि यह उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।
जनता की उम्मीदें और प्रशासनिक पहल
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि वह इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकाले। यह न केवल क्षेत्रीय विकास का एक हिस्सा है, बल्कि यह मानवता और सामाजिक न्याय का भी सवाल है। यदि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाता है, तो यह क्षेत्रीय जनता के लिए एक बड़ी राहत होगी।