दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव से उसके नजदीकी देश काफी बेचैनी महसूस कर रहे हैं। वे चीन को अकेले रोक पाने में सक्षम नहीं हैं, ऐसे में वे गठबंधन बनाकर चीन के खिलाफ खड़े होने की रूपरेखा बना रहे हैं। इसी दौरान चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच भारत ने वियतनाम की नौसेना के साथ दक्षिण चीन सागर में दो दिन अभ्यास किया । दोनों देशों ने यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने की नीयत से किया है। दरअसल वियतनाम से चीन के रिश्ते कटुतापूर्ण हैं और ड्रैगन दक्षिण चीन सागर पर अपना अधिकार जताता रहा है जिसका क्ववाड देशों द्वारा भी विरोध किया जा रहा है ।
इस युद्धाभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में सहयोग को बढ़ाना है। भारतीय नौसेना का युद्धपोत INS किलतान मध्य वियतनाम में आई बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर गया था। वह गुरुवार को 15 टन राहत सामग्री लेकर हो ची मिन्ह सिटी के बंदरगाह पर पहुंचा । शनिवार को जब वह वापस लौट रहा था तब उसने दक्षिण चीन सागर में वियतनाम की नौसेना के साथ मिलकर युद्धाभ्यास किया। 2 दिन के इस अभ्यास में दोनों देशों की नौसेनाओं ने एक-दूसरे की खूबियों को समझा-जाना। भारतीय नौसेना ने ट्वीट कर रविवार को इस अभ्यास की जानकारी दी। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को इस प्रस्तावित अल्प अभ्यास की जानकारी दी थी।
इससे पिछले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वियतनामी समकक्ष गुएन शुआन फुक के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर वर्चुअल मुलाकात में बात की थी।
उल्लेखनीय है कि यह अभ्यास ऐसे समय में हुआ जब चीन साउथ चाइना सी में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। चीन के इस कदम को लेकर दुनिया में चिंता है और कई देश चीन के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। चीन अपनी विस्तारवादी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। उसकी नौसेना के दो युद्धपोतों ने शनिवार को जापान की जलसीमा में शेंकाकू द्वीप के नजदीक घुसपैठ की। बाद में जापानी तटरक्षकों ने चीनी युद्धपोतों की घुसपैठ पर आपत्ति जताते हुए उनसे वापस जाने को कहा।