National Reading Day 2021: आखिर किस तरह से शुरू हुई यह प्रथा, सीबीएसई की खास मुहिम

Ranjana Pandey
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डेस्क।बच्चों में पढ़ने को लेकर रुचि बढ़ाने के लिए सीबीएसई (CBSE) के स्कूलों में हर साल नेशनल रीडिंग मंथ (National Reading Month) का आयोजन किया जाता है। इस साल यानी कि 2021 में भी इस मंथ की शुरुआत कल से यानी कि 19 जून, 2021 से होने जा रही है, जो की 18 जुलाई, 2020 तक चलेगा। इसके तहत सीबीएसई स्कूलों में रीडिंग डे, वीक और मंथ मनाया जाएगा।

इसके तहत सीबीएसई के निर्देशानुसार कल से स्कूलों में ऑनलाइन मोड के माध्यम से विभिन्न एक्टिविटी का आयोजन किया जाएगा। इसमें बच्चों में किताबें पढ़ने, पढ़कर सीखने की कला को विकसित करने के लिए काम किया जाएगा।


कोरोना के कारण इस बार डिजिटल लाइब्रेरी के महत्व को भी समझाया जाएगा। इस दिन को केरल के पुस्तकालय आंदोलन के जनक पीएन पैनिकर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

पैनिकर (Panicker)

पैनिकर का जन्म 1 मार्च, 1909 को हुआ था। वह एक शिक्षक थे। उनका समाज पर काफी प्रभाव था।

इसके चलते साल 1945 में 47 ग्रामीण पुस्तकालयों के साथ तिरुविथामकूर ग्रंथशाला संघम की स्थापना मुहिम में उन्होंने नेतृत्व उन्होंने किया था।


उनकी एसोसिएशन का नारा था ‘पढ़ो और बढ़ो’। इसके बाद में केरल राज्य के गठन के बाद एसोसिएशन का नाम केरल ग्रंथशाला संघम हो गया।उन्होंने केरल के गांव-गांव की यात्रा की और लोगों को पढ़ने के महत्व से अवगत कराया था।

इस तरह उन्होंने अपने नेटवर्क में 6,000 से ज्यादा पुस्तकालयों को जोड़ने में सफलता हासिल की।1975 में ग्रंथशाला को ‘कृपसकय अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।इसके बाद से ही उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता है।

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