सिवनी, धारनाकला (एस. शुक्ला): धारनाकला जनपद सभा सिवनी की बिना सहमति के कैसे हो गई बेशकीमती जमीन संसोधित? जनपद सभा सिवनी के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज भूमि का मुख्य मार्ग से लगा बेशकीमती हिस्सा कैसे संसोधित हो गया, यह जांच का विषय है।
जबकि इस संदर्भ में जनपद पंचायत सिवनी का कहना है कि उन्होंने भूमि की संसोधन के लिए किसी भी प्रकार की सहमति नहीं दी है, फिर ऐसी स्थिति में लाखों करोड़ रुपये की मूल्यवान भूमि कैसे संसोधित हो गई.
जिसके संबंध में जनपद पंचायत सिवनी ने भी इस मामले में उठापटक करते हुए तहसीलदार और एस डी एम बरघाट को पत्र जारी किया है।
बिक चुकी है बेशकीमती जमीन
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जनपद सभा सिवनी के नाम से दर्ज भूमि का संसोधित क्षेत्र लाखों करोड़ में पहले ही बेच दिया गया था, और आजकी स्थिति में उपरोक्त भूमि पर आलीशान भवन और दुकानों का निर्माण हो चुका है, और वर्तमान में भी निर्माण प्रारंभ है।
इस स्थिति में शासकीय भूमि की सुरक्षा क्या क्रियान्वित करता है, यह आने वाला समय ही बताएगा, क्योंकि जनपद पंचायत सिवनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने धारनाकला पहुंचकर जनपद सभा सिवनी की भूमि का जाँच करके कार्रवाई की बात कही है।
सांसद ने लिखा पत्र भूमि हस्तांतरण के लिए
उल्लेखनीय है कि सिवनी बालाघाट के सांसद डॉ. बिसेन ने भी जनपद सभा सिवनी के नाम से दर्ज भूमि को ग्राम पंचायत धारनाकला के नाम पर दर्ज करने के संदर्भ में एस डी एम और तहसीलदार बरघाट को पत्र लिखा है।
यहां इसका उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायत धारनाकला के सरपंच ने ग्राम के विकास को सर्वोपरि प्राथमिकता के आधार पर उसी भूमि पर आवागमन के उद्देश्य से सीमेंट कंक्रीट सड़क निर्माण किया था, जिसे जनपद पंचायत सिवनी ने रोक दिया था।
इसी परिस्थिति में पंचायत की आय और विकास को ध्यान में रखते हुए सांसद से निवेदन किया गया था। धारनाकला गांव में स्थित जमीन जो वर्तमान में राजस्व रिकॉर्ड में जनपद सभा सिवनी के नाम पर दर्ज है, उस जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में ग्राम पंचायत धारनाकला के नाम पर दर्ज किया जाना चाहिए। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सांसद जी ने भी पत्र जारी किया है।
बन्दोबस्त में हुआ फेरबदल
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 1988-89 में जनपद सभा सिवनी के नाम पर दर्ज भूमि का क्षेत्रफल 0.59 एकड़ था और इस भूमि का खसरा नंबर 960 था, किन्तु इसके पश्चात्, इसी भूमि का क्षेत्रफल 0.57 एकड़ में संशोधित हो गया और जनपद सभा सिवनी के खसरा नंबर भी 596/960/1 में परिवर्तित हो गया, और इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इसी खसरा नंबर के साथ शासकीय भूमि की बिक्री हो गई और खसरा नंबर के कलम 12 में वर्ष संकिर्ण 24 आदि 18/15/2012 के साथ राजस्व भूमि की बिक्री भी हो गई।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मूल खसरा नंबर 960 परिवर्तित होने के बाद, 596/961/1 और 596/960/2 के पश्चात्, सीधे खसरा नंबर 596/960/5, 596/960/6 और 596/960/7 राजस्व रिकॉर्ड में है, किन्तु क्रमशः 596/960/3 और 596/960/4 के बारे में उल्लेख नहीं है।
इस संदर्भ में जनपद अध्यक्ष श्रीमती किरण भलावी ने इस मामले की जाँच करवाने के लिए प्रतिष्ठान किया है, और यह भी कहा गया है कि हमने जिला कलेक्टर और तहसीलदार बरघाट को भूमि सुरक्षित करने के लिए पत्र लिखा है।
सीमांकन होगा
वैसे तो इसके पूर्व भी जनपद सभा सिवनी की भूमि का कई बार सीमांकन हो चुका है, किन्तु वर्तमान में जनपद पंचायत सिवनी ने तहसीलदार बरघाट को सीमांकन के लिए आवेदन कर भूमि की सुरक्षा के लिए पत्र जारी किया है।
इस स्थिति में, अनेक विसंगतियों के साथ, यहां अवैध कब्जों का जाल फैला हुआ है, और पंचायत द्वारा भी निर्माण कार्य किए जा चुके हैं, और शासकीय भूमि भी बेच चुकी है, इस स्थिति में जनपद पंचायत सिवनी इन चुनौतियों का सामना कैसे करेगी, यह आने वाला समय ही बताएगा।
इनका कहना है कि हमने सीमांकन और अवैध कब्जों के हटाने की कार्रवाई की जा रही है, और जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर विकास की भी कई कार्रवाईयाँ की जा रही हैं।
श्रीमती किरण भलावी जनपद अध्यक्ष, सिवनी