MP / कमलनाथ सरकार गिरने की कगार पर, ये है नया बहुमत का आंकड़ा | क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की राह आसान हो गई है. चुनावी आंकड़ों का गणित तो कमोबेश इसी तरफ इशारा कर रहा है.
भोपाल: क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की राह आसान हो गई है. चुनावी आंकड़ों का गणित तो कमोबेश इसी तरफ इशारा कर रहा है. सिंधिया समर्थित 20 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के दो विधायकों ने और इस्तीफा दे दिया.
सभी ने विधानसभा अध्यक्ष लालजी टंडन को अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है. कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होते ही विधानसभा की संख्या सिर्फ 206 विधायकों की हो जाएगी. बहुमत के लिए सिर्फ 104 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी. बीजेपी के पास फिलहाल 107 विधायकों का समर्थन है यानी इन हालात में बीजेपी सरकार बनाने का दावा कर सकती है.
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं लेकिन विधानसभा का मौजूदा आंकड़ा 228 ही है. दरअसल आगर-मालवा और जौरा विधानसभा क्षेत्र के विधायकों के निधन के बाद से ही दो सीटें खाली हैं. सियासी संकट से पहले कांग्रेस के पास 114 विधायक थे. इस वजह से सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 था. कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक का समर्थन. इस तरह कांग्रेस ने कुल 121 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक ही थे. हालांकि अब ये तस्वीर बदल चुकी है. अगर मौजूदा परिदृश्य की बात करें तो कांग्रेस के पास सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा भी नहीं रहा गया है. 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो गए तो प्रदेश में एक बार फिर कमल खिल सकता है.
इन विधायकों ने इस्तीफे दिए:
प्रदुम्न सिंह तोमर
2. रघुराज कंसाना
3. कमलेश जाटव
4. रक्षा संत्राव, भांडेर
5. जजपाल सिंह जज्जी, अशोक नगर
6. इमरती देवी
7. प्रभुराम चौधरी
8. तुलसी सिलावट
9. सुरेश धाकड़, शिवपुरी
10. महेंद्र सिंह सिसोदिया
11. ओपी एस भदौरिया
12. रणवीर जाटव
13. गिरराज दंडोतिया
14. जसवंत जाटव
15. गोविंद राजपूत
16. हरदीप डंग
17. मुन्ना लाल गोयल
18 ब्रिजेन्द यादव
19. राजवर्धन सिंह दत्तिगांव
20. बिसाहूलाल शाहू (ये बीजेपी में शामिल हो गए है )
21. एंदल सिंह कंसाना
22. मनोज चौधरी