ग्वालियर। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की अस्थाई नौकरी प्राप्त करने के लिए बड़े-बड़े डिग्री धारक इंटरव्यू की लाइन में खड़े रहे , ग्वालियर कोर्ट में चपरासी, स्वीपर एवं समकक्ष के सिर्फ 15 पदों के लिए 11082 लोग इंटरव्यू की लाइन में खड़े थे. बेरोजगारों की लाइन इतनी ज्यादा लंबी थी कि कोर्ट के दरवाजे से लेकर इंदरगंज तक बेरोजगार ही बेरोजगार दिखाई दे रहे थे।
अंदाज लगाइए मध्यप्रदेश में कितनी बेरोजगारी?
ग्वालियर जिला न्यायालय में माली, चपरासी, वॉचमैन, चालक और स्वीपर के 15 रिक्त पदों पर इंटरव्यू आज 25 दिसम्बर को लिया गया. हालाँकि यह इंटरव्यू 26 दिसम्बर को भी होंगे. इन पदों के लिए योग्यता कक्षा आठवीं पास से लेकर कक्षा 12वीं पास तक मांगी गयी थी. लेकिन जब आवेदक उम्मीदवारों के पास शैक्षणिक योग्यता BCOM, BA, MA, BSC, MSC, Bed और MBA जैसी डिग्रियां है तो आप अंदाजा लगा सकते है की मध्य प्रदेश में बेरोजगारी का क्या आलम होगा
आखिर क्यों MP में लोग सरकारी नौकरी करना चाहते हैं
उम्मीदवारों का कहना है कि 2017 से सरकारी नौकरियां बंद हो गई है। या तो सरकार भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती और यदि करती है तो खत्म नहीं करती। भर्ती परीक्षा होने के बाद परिणाम अटक जाते हैं। जिन परीक्षाओं के परिणाम आते हैं और मैं नियुक्ति नहीं मिलती।
उच्च शिक्षित होने के बावजूद ₹12000 महीने की नौकरी लोग इसलिए करना चाहते हैं क्योंकि मध्यप्रदेश में प्राइवेट नौकरी में भी इतनी ही तनख्वाह मिलती है। प्राइवेट में मालिक कभी भी नौकरी से निकाल देता है। सरकारी में सैलरी कम होगी लेकिन नौकरी से निकालने से पहले माफी मांगने का एक मौका तो मिलेगा।