मध्यप्रदेश में नवंबर-दिसंबर में होने वाले आम चुनाव से संबंधित राजनीतिक पार्टियों में तनाव बढ़ गया है। विशेष रूप से प्रदेश के महत्वपूर्ण कौशल क्षेत्र के रूप में दो प्रमुख विपक्षी दल, भाजपा और कांग्रेस, को यह चुनाव महत्वपूर्ण नजर आ रहा है।
ऐसा इसलिए क्योंकि इसका परिणाम मध्यप्रदेश की आगामी वर्ष में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी प्रभाव डालेगा। मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं और इन सभी सीटों पर सरकार बनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को अपनी-अपनी संख्याबल का ध्यान रखना होगा।
कांग्रेस के लिए यह प्रदेश का चुनाव “करो या मरो” का समान रूप में माना जा रहा है, जबकि भाजपा के लिए इसमें 18 साल की एंटी इंकमबेंसी दिक्कतें उत्पन्न कर सकती हैं।
22 जून को बालाघाट आएंगे अमित शाह
दोनों पार्टियों ने चुनाव से पहले प्रदेश में अपने प्रमुख नेताओं को बुलाना शुरू कर दिया है। 12 जून को एआईसीसी के महासचिव प्रियंका गांधी ने संस्कारधानी जबलपुर से प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी चौंकी लगा दी है। और 22 जून को महाकौशल के बालाघाट में केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह आ रहे हैं।
यद्यपि वे बालाघाट में कहां आ रहे हैं, यह अभी निश्चित नहीं है। अनुसार सूत्रों, बालाघाट में मुख्यालय या फिर बिरसा में गृहमंत्री अमित शाह का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है।
वह जिले के नक्सली उन्मूलन पर पुलिस अधिकारियों के साथ भी चर्चा कर सकते हैं, क्योंकि उनके केंद्रीय गृहमंत्री के पद के तौर पर। वर्तमान में, भाजपा अध्यक्ष और आयोग अध्यक्ष ने अमित शाह के आगामी 22 जून के बालाघाट आगमन की पुष्टि की है।
पुलिस और प्रशासन ने तैयारी की शुरुआत की
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के बालाघाट आगमन की तैयारी को लेकर, आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि 22 जून को यह आयोजन होने जा रहा है। 14 जून को राजाभोज कृषि महाविद्यालय मुरझड़ फार्म नेवरगांव में दोपहर 1 बजे, उन्होंने इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए एक बैठक आयोजित की है।
उन्होंने इस बैठक में जिले के सभी भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से आवश्यकतानुसार उपस्थित होने की अपील की है। साथ ही, बालाघाट में गृहमंत्री के आगमन के संबंध में प्रशासन और पुलिस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है।