राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की है, क्योंकि प्रारंभिक साक्ष्यों से पता चलता है कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूजीसी-नेट परीक्षा को पुनर्निर्धारित किया जाएगा, जिसकी नई तिथियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। इसके अलावा, परीक्षा में अनियमितताओं का मामला आगे की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया जाएगा।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने यूजीसी-नेट (UGC-NET) परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की है। प्रारंभिक साक्ष्यों से पता चला है कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है, जिसके चलते शिक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा, इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को आदेश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्रालय का बयान
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, “एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी। साथ ही, मामले की गहन जांच के लिए इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपा जा रहा है।” यह निर्णय 18 जून को परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद लिया गया है।
आई4सी से मिले इनपुट
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा पर कुछ इनपुट मिले हैं। ये इनपुट प्रथम दृष्टया संकेत देते हैं कि उक्त परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया हो सकता है।
पेन और पेपर मोड में आयोजित हुई परीक्षा
पहले की परंपरा से हटकर, इस बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) एक ही दिन में पेन और पेपर मोड में आयोजित की गई। इस परीक्षा के लिए रिकॉर्ड 11 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था। परीक्षा 18 जून को दो अलग-अलग पालियों में आयोजित की गई थी। पहली पाली सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और दूसरी दोपहर 03:00 बजे से शाम 06:00 बजे के बीच आयोजित की गई थी।
परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की संख्या
देश भर के 317 शहरों में 205 परीक्षा केंद्रों पर 11,21,225 उम्मीदवारों के लिए परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की गई थी। शिफ्ट 1 में कुल 5,80,833 पंजीकृत उम्मीदवार थे, जिनमें से 4,73,484 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए। शिफ्ट 2 में कुल 5,40,392 पंजीकृत उम्मीदवार थे, जिनमें से 4,35,096 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।
NEET विवाद के बीच NET परीक्षा रद्द
मंत्रालय का यह फैसला मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में कथित अनियमितताओं को लेकर बड़े पैमाने पर विवाद के बीच आया है, और यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है। शिक्षा मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि वह NEET-UG 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं की भी जांच करेगा। यह निर्णय देश भर में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनुचित अंकन और पेपर लीक के बारे में उम्मीदवारों की शिकायतों के बाद लिया गया है।
यूजीसी-नेट परीक्षा के बारे में जानकारी
यूजीसी-नेट (UGC-NET) परीक्षा जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप (JRF) के पुरस्कार, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है। UGC-NET परीक्षा साल में दो बार, जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप (JRF) और/या सहायक प्रोफेसरशिप के लिए पात्रता का निर्धारण परीक्षा के पेपर-I और पेपर-II दोनों में उम्मीदवार के समग्र प्रदर्शन के आधार पर होता है।
परीक्षा का महत्व
यूजीसी-नेट परीक्षा का महत्व काफी बड़ा है, क्योंकि यह उच्च शिक्षा में अनुसंधान और शिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परीक्षा के माध्यम से चयनित उम्मीदवार विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए पात्र होते हैं, जो उन्हें उच्च शिक्षा में एक मजबूत आधार प्रदान करता है।