नई दिल्ली: भारत में यह तो रिपोर्ट्स आ रही है की तीसरी लहर का सामना भारत को करना पद सकता है इसी संभावित तीसरी लहर की खबरों के बीच एक बेहद अच्छी खबर सामने आई है. अमेरिका ने भी भारत की स्वदेशी वैक्सीन (Covaxin) को कोरोना के खिलाफ एक बेहद मजबूत हथियार माना है. अमेरिका की राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) ने बताया कीभारत की स्वदेशी वैक्सीन जो भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की मदद से भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई जो की कोवैक्सीन (Covaxin) है यह कोरोना वायरस के अल्फा और डेल्टा दोनों वेरिएंट को बेअसर करने में अत्यधिक कारगर है.
अमेरिका में हुई स्टडी से पता चला है कि वैक्सीन (Covaxin) एंटीबॉडी बना रही है. अमेरिका में लगभग 25 मिलियन लोगों को अब तक कोवैक्सीन (Covaxin) की डोज लग चुकी है. अमेरिकी स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान का भारत के साथ मजबूत वैज्ञानिक सहयोग का इतिहास रहा है.
’78 प्रतिशत प्रभावी है Covaxin’
कोवैक्सिन (Covaxin) की डोज से लोगों में ज्यादा तेज एंटीबॉडी बनते देखा गया है. NIH ने कहा कि वैक्सीनेशन के दूसरे चरण के परिणाम बताते हैं कि ये वैक्सीन सुरक्षित और अच्छी तरह से सहन करने योग्य है. उन्होंने कहा कि इसके तीसरे चरण के टेस्टिंग डेटा इस साल के अंत में उपलब्ध हो जाएगा. हालांकि, तीसरे चरण के टेस्टिंग से पता चलता है कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 78 प्रतिशत प्रभावी है.
अल्फा-डेल्टा को बेअसर करती है Covaxin
कोवैक्सिन (Covaxin) की डोज लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम की दो स्टडीस से पता चला है कि ये ऐसी एंटीबॉडी बनाता है, जो SARS-CoV-2 के B.1.17 (अल्फा) और B.1.617 (डेल्टा) वेरिएंट को प्रभावी ढंग से बेअसर करता है.
एंथनी एस फौसी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि NIAID के समर्थन से अमेरिका में विकसित किया गया एक नया वैक्सीन एडजुवेंट भारत में लोगों के लिए उपलब्ध एक प्रभावशाली COVID-19 वैक्सीन का हिस्सा है. Covaxin, Alhydroxiquim-II में उपयोग किए जाने वाले सहायक को NIAID एडजुवेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के समर्थन से बायोटेक कंपनी ViroVax LLC ऑफ लॉरेंस, कैनसस द्वारा एक प्रयोगशाला में खोजा और परीक्षण किया गया था.
Web Title : Covaxin considered effective in the US – Covaxin ‘neutralizing alpha-delta variants’