भीड़ सड़कों पर उतारने CAA विरोधियों ने ही फैलाई थी अफवाह-Kapil Mishra ने किया Indian Express की फर्जी रिपोर्ट का खंडन

By SHUBHAM SHARMA

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पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों को लेकर मीडिया में दावा किया जा रहा है कि एक चार्जशीट में इस बात का जिक्र है कि उपद्रवियों के बीच जानबूझकर ये अफवाह फैलाई गई थी कि कपिल मिश्रा के लोगों ने एंटी सीएए (CAA) प्रोटेस्ट के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो गई थी। वहीं, दिल्ली पुलिस के अनुसार ये अफवाह जानबूझकर उपद्रवियों ने ही फैलाई थी, ताकि उपद्रवी भीड़ को सड़कों पर उतारा जा सके।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी मीडिया के दावे को झूठ बताते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा है कि मीडिया द्वारा चलाई जा रही चार्जशीट की बातें भ्रामक और अफवाह हैं।

वास्तव में जिस ‘गवाह’ के नाम पर सोशल मीडिया पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा को दोषी साबित करने का प्रपंच किया जा रहा है, वह इस खबर का मात्र एक ही हिस्सा है, जबकि पुलिस द्वारा किए गए नए खुलासे, जिसमें की इस अफवाह को उपद्रवियों की ही करामात बताया गया है, की बात इसमें छिपाई जा रही हैं।

कपिल मिश्रा ने NDTV की पूर्व पत्रकार निधि राजदान को झूठा बताते हुए ट्विटर पर लिखा – “प्रिय निधि राजदान आप झूठ बोल रही हैं या NDTV झूठ बोल रहा है? झूठ तो आपस मे मिलकर बोल लिया करो।”

दरअसल, NDTV की ही रिपोर्ट में एक और खुलासे का जिक्र किया गया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि चाँदबाग इलाके में उपद्रवियों के बीच ये अफवाह जानबूझकर फैलाई गई थी कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के लोगों ने एंटी सीएए प्रोटेस्ट के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हुई थी।

लेकिन NDTV की पूर्व पत्रकार निधि राजदान ने NDTV के बजाए इन्डियन एक्सप्रेस की खबर को ट्वीट करते हुए इंडियन एक्सप्रेस के ‘गवाह’ का ही जिक्र करते हुए कपिल मिश्रा पर आरोप लगाया है।

‘इन्डियन एक्सप्रेस’ का गवाह नजम उल हसन; जिसने देखा नहीं, बस सुना

‘इन्डियन एक्सप्रेस’ की मानें तो नजम उल हसन नाम का गवाह उस दौरान विरोध प्रदर्शन में मौजूद था, लेकिन उसने 24 फरवरी को हुई कथित घटना को ‘नहीं देखा’, और केवल दूसरों को इसके बारे में चिल्लाते हुए सुना।

इन्डियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ इस गवाह यानी, नजम उल हसन को ‘महत्वपूर्ण गवाहों’ के बीच आरोप पत्र में सूचीबद्ध किया गया है, जो चाँदबाग में विरोध प्रदर्शनों की ‘साजिश और योजना के बारे में पूरी तरह से अवगत थे’।

पत्रकार दीपक चौरसिया ने भी ट्वीट में लिखा है – “CAA के खिलाफ प्रदर्शन और दिल्ली दंगों पर अब नया खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक उपद्रवियों के बीच जानबूझकर ये अफवाह फैलाई गई कि कपिल मिश्रा के लोगों ने नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो गई थी। भीड़ को सड़कों पर निकालने के लिए ये अफ़वाह फैलाई गई।”

दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में अलग से करीब 1100 पेज की चार्जशीट दाखिल हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्य चार्जशीट में भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कहीं कोई जिक्र नहीं है।

वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या के मामले में दायर चार्जशीट में कपिल मिश्रा के खिलाफ नज़म उल हसन नाम के एक गवाह के बयान को भी शामिल किया गया है। इस गवाह ने दावा किया है कि 24 फरवरी को कपिल मिश्रा के लोगों को उस पंडाल को आग लगाने के बारे में बात करते सुना था, जहाँ कुछ लोग नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

NDTV में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “‘सूत्रों’ का कहना है कि दिल्ली दंगों में मारे गए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल मामले में पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली स्थित चाँदबाग इलाके में दंगाइयों के बीच ये अफवाह जानबूझकर फैलाई गई थी कि कपिल मिश्रा के लोगों ने एंटी-सीएए प्रोटेस्ट के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हुई थी।”

हालाँकि, NDTV की ही रिपोर्ट में यह भी बात कही गई है कि दिल्ली पुलिस के अनुसार यह अफवाह दंगाइयों ने ही जानबूझकर फैलाई थी ताकि उपद्रवियों की भीड़ को सड़कों पर निकाला जा सके।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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