सहारनपुर। जिले के नकुड क्षेत्र के तीरपड़ी गांव में चिराग राठी को 20 करोड़ तक का पहाड़ा (TABLE) याद है। चिराग गुणा और भाग (MATHS) बिना कॉपी पैन के मिनटों में कर लेता है। जबकि CHIRAG RATHI के पिता इतने गरीब हैं कि परिवार को 2 वक्त का खाना तक पूरा नहीं मिलता। चिराग जब कक्षा चार में था तब उसकी उम्र महज 8 वर्ष थी तब उसे 300 तक का टेबल याद था। एक गणित के अध्यापक राजेंद्र सिंह ने इसकी प्रतिभा (LATENT) को पहचाना और रोज इसे ज्यादा पहाड़ा याद करने को देते आज इस छात्र को 20 करोड़ तक पहाड़ा याद है।
चिराग एक गरीब परिवार से आता है इसलिए चिराग के परिजन इसकी प्रतिभा को निखारने के लिए किसी बड़े स्कूल मे भेजने मे असमर्थ हैं।
फिलहाल चिराग गांव के ही जिला सिंह पब्लिक स्कूल मे पढ़ता है। चिराग विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक और प्रमाण जीता चुका है। 8वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाला चिराग वैज्ञानिक बनना चाहता है। चिराग ने बताया, मैं वैज्ञानिक बनना चाहता हूं और अपना देश का नाम करना चाहता हूं। चिराग ने बताया कि वह चाहता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसके गांव आएं।
दो वक्त का खाना भी पूरा नहीं मिलता
अद्भुत प्रतिभा का धनी चिराग सहारनपुर के एक बहुत ही गरीब परिवार से हैं। चिराग के पिता नरेंद्र सिंह ने बताया कि वे लोग बहुत ही गरीब परिवार से हैं। उन लोगों के लिए दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल होता है। उनका बेटा चिराग वैज्ञानिक बनना चाहता है। अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए वह पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वह बड़ा वैज्ञानिक बनकर देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन करे। चिराग कीमां बबिता का कहना है कि, हम चाहते हैं कि सरकार हमारी मदद करे। हम बहुत गरीब लोग हैं। हम छोटे किसान है अगर सरकार मदद करती है अच्छा होता बच्चा पढ़कर आगे बढ़ता।
क्या कहना है स्कूल टीचर का
चिराग के शिक्षक संदीप का कहना है, चिराग और बच्चों से थोड़ा अलग है। हर काम को वो तुरंत कर लेता है। गुणा, भाग वो मिनटों में हल कर लेता है। वो उसे गॉड से गिफ्ट मिला है। उन्होंने कहा कि बच्चे के माता-पिता बेहद गरीब हैं। इसी कारण स्कूल प्रबंधन ने तय किया है कि जब तक छात्र इस स्कूल में पढ़ाई करेगा उसकी फीस माफ कर दी गई है। स्कूल प्रबंधन छात्र के आगे बढ़ने पर पूरी मदद करेगा।