अजमेर सेक्स स्कैंडल (Ajmer Sex Scandal) की कहानी, जो कि 1992 में सामने आई थी, आज 32 साल बाद एक नया मोड़ ले चुकी है। राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर (Ajmer) जिले में घटित यह घटना पूरे देश को हिला कर रख देने वाली थी। 18 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जिसमें से अब तक 9 को सजा हो चुकी है। इस लेख में हम इस घटनाक्रम और हालिया फैसले के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
Ajmer Sex Scandal | अजमेर सेक्स स्कैंडल: घटना का विस्तार
1992 में अजमेर के प्रतिष्ठित मेयो कॉलेज की छात्राओं के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और उन्हें ब्लैकमेल करने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस कांड में शामिल नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी, सैयद जमीन हुसैन जैसे आरोपियों ने 100 से अधिक छात्राओं को अपनी हवस का शिकार बनाया था। इन आरोपियों ने न केवल लड़कियों का बलात्कार किया, बल्कि उनकी अश्लील तस्वीरें लेकर उन्हें धमकाने और ब्लैकमेल करने का भी कार्य किया।
इस कांड का खुलासा होने के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया था। मीडिया की रिपोर्ट्स और पुलिस की जांच ने इस घटना की गंभीरता को उजागर किया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, इसे POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) Act के तहत दर्ज किया गया।
कोर्ट का फैसला: 32 साल बाद न्याय
आज, 20 अगस्त 2024, को POCSO कोर्ट ने इस मामले में 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीन हुसैन को दोषी पाया है। कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि, एक आरोपी अभी भी फरार है।
क्या हुआ अन्य 18 आरोपियों का?
इस मामले में कुल 18 आरोपी थे, जिनमें से 9 को पहले ही सजा हो चुकी है। एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी, और एक अन्य आरोपी पर लड़के से छेड़छाड़ का आरोप था, जिसे कोर्ट ने बरी कर दिया था। 2001 में, डीजे कोर्ट ने 4 आरोपियों को बरी कर दिया था जबकि अन्य चार को दोषी ठहराया गया था। इसके बाद, इन चार दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां कोर्ट ने उनकी सजा को आजीवन कारावास से घटाकर 10 साल कर दिया था। ये सभी आरोपी अब सजा पूरी कर चुके हैं और जेल से रिहा हो चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट में अपील: दोषियों की सजा में कमी
अजमेर सेक्स स्कैंडल के चार दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सजा के खिलाफ अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में इन चारों दोषियों की सजा को आजीवन कारावास से घटाकर 10 साल कर दिया था। चूंकि आरोपी पहले ही 10 साल की सजा काट चुके थे, इसलिए उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
आरोपी के हाईकोर्ट में पहुंचने की कोशिश
हाल ही में, इस मामले के 8 आरोपियों ने डीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फैसला बरकरार रखा और दोषियों को राहत नहीं दी। इन सभी दोषियों पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसे उच्च न्यायालय ने भी सही ठहराया।
समाज पर प्रभाव: अजमेर सेक्स स्कैंडल का दंश
यह मामला न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए शर्मनाक था। इस स्कैंडल ने समाज के कई महत्वपूर्ण सवालों को उजागर किया, जैसे कि बच्चों की सुरक्षा, महिला अधिकार और न्यायिक प्रक्रिया की तेजी। इस घटना ने समाज को जागरूक किया कि किस तरह से बच्चों की सुरक्षा और महिला अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
आज का फैसला: न्याय की जीत
आज, 32 साल बाद, POCSO कोर्ट द्वारा दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद पीड़िताओं को न्याय मिला है। यह न्याय केवल उन पीड़िताओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। कोर्ट ने यह संदेश दिया है कि अपराध करने वाले कितने भी ताकतवर क्यों न हों, कानून से बच नहीं सकते।