गरीबी, दीवार और 70 सालों का विकास – संजय बघेल

By SHUBHAM SHARMA

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अमेरिका के राष्ट्रपति के भारत आने की सुर्खियां पूरे चैनल और अखबारों बनी हुई है । वही दूसरी तरफ गुजरात के अहमदाबाद की झुग्गी बस्तियों को ढंकने के लिए बनाई जा रही दीवार भी खूब सुर्खियां बटोर रही है । कुछ लोग इसे अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म दीवार की सफलता से जोड़ते हुए हमारे विकास की सफल दीवार बताते हुए चुटकुले ले रहे है ।

लेकिन क्या यह सही है कि हम अपनी आजादी के 70 साल बाद भी देश से गरीबी हटाओ गरीबी मिटाओ के नारे देने के बाद देश से गरीबी हटा पाए है । राजनैतिक दृष्टिकोण से देखे तो जबाब कुछ हद तक हां में होगा लेकिन जब जमीनी स्तर पर विचार करे तो यह सिर्फ जुमला ओर झूठ से ज्यादा कुछ नही । देखा जाए तो आजादी के वर्ष जैसे जैसे बढ़े है हमारे देश मे गरीबी का ग्राफ भी बढ़ा है । कहने को तो सरकारें गरीबी हटाने के नाम पर कई योजनाओं का संचालन करती है लेकिन उनका जमीनी स्तर पर प्रभाव कम ही होता है ।

देश भर के राज्यो में सैकड़ों झुग्गी बस्तियां है जिनकी कायाकल्प करने और उनके विकास का दम भरते हुए राजनैतिक पार्टियां सरकार बनाती है लेकिन जीत के बाद इन झुग्गियों में रहने वाले लोग राजनीतिक दलों के लिए सिर्फ वोट बैंक तक ही सीमित रहते है । आंकड़ो पर गौर करें तो तमिलनाडु में 507, उत्तरप्रदेश में 293, मध्यप्रदेश में 303, महाराष्ट्र में 189, कर्नाटक में 206, राजस्थान में 107, छत्तीसगढ़ में 94, पंजाब में 73, बिहार में 88, प. बंगाल में 122, आंध्रप्रदेश में 125, ओडिशा में 76 और प्रधानमंत्री के राज्य गुजरात मे 103 झुग्गी बस्तियां है ।

गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री की दावेदारी करते हुए भाजपा की सरकार बनाने की अपील करते हुए देश की जनता को अच्छे दिन के सपने दिखाते हुए गुजरात मॉडल की बात करते हुए विकास दिखाने के लिए गुजरात आने की पेशकश करते थे तब भी गुजरात प्रदेश के गरीबो की हालत यथावत थी उनके 15 साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में चमक तो आई लेकिन झुग्गी बस्तियों पर वही अंधेरा पसरा रहा ।

आज जब देश मे मोदी सरकार अपनी दूसरी पारी खेल रही है और बीस वर्षों से गुजरात मे भाजपा काबिज है उसके पश्चात जब विश्व के सबसे शक्तिशाली देश और धनवान देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हिंदुस्तान दौर है और अहमदाबाद से उनका काफिला गुजरेगा तो हमारे देश के कर्णधार अपनी विफलता छुपाने के लिए दीवार खड़ी कर रहे है।

सवाल यह उठता है कि आखिर हमें यह सब करने की नोवत क्यों आती है । हमारे देश मे सबसे अधिक योजना गरीब तबके के लोगो के लिए संचालित की जाती है लेकिन ये योजनाएं अफसरों की टेबल के इर्दगिर्द ही समाप्त हो जाती है जिसके कारण गरीब जनता अपने हक से वंचित रह जाती है । सरकारी दफ्तरों में सरकारी मुलाजिम इन योजनाओं में सही अमलीजामा पहनाये तो देश को ऐसी शर्मिंदगी की दीवार उठाने की आवश्यकता नही पड़ेगी ।

लेखक “राष्ट्रबाण” समाचार पत्र के संपादक है

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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