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अपनाकर देखें शिवजी का बताया ये छोटा सा ज्योतिषीय तरीका,कभी असफलता नहीं मिलेगी

By SHUBHAM SHARMA

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शिव स्वरोदय नाम के ग्रंथ में बताया गया है कि हम अपने शुभ-अशुभ समय का पता अपनी ही सांसों से लगा सकते हैं। शिव स्वरोदय नाम के ग्रंथ में बताया गया है कि हम अपने शुभ-अशुभ समय का पता अपनी ही सांसों से लगा सकते हैं। ये ही बात वाल्मीकि रामायण में भी कही गई है। किसी भी शुभ काम या जरूरी काम पर जाने से पहले शुभ मुहूर्त के अलावा नाक के स्वर यानी किस हाथ के ओर की सांस चल रही है, इस पर भी ध्यान देना चाहिए। कहते हैं अगर पैसों के लेन देन या किसी व्यापारिक सौदे के लिए जा रहे हो तो पहले स्वर देखना चाहिए।

फिर डिसाइड करना चाहिए कि काम करें या नहीं। ऐसा करने से नौकरी हो या व्यापार या कोई अन्य काम किसी में भी असफलता नहीं मिलेगी। हमारे शरीर में दो स्वर होते हैं। जिन्हें चंद्र नाड़ी स्वर व सूर्य स्वर कहा जाता है। नाक के दाहिने छिद्र से चलने वाली सांस को सूर्य स्वर कहते हैं। यह साक्षात शिव का प्रतीक है। जबकि बाईं ओर से चलने वाली सांस को चंद्र स्वर कहते हैं। सारे सौम्य काम यानी जो काम स्त्री प्रधान होते हैं वो उल्टे हाथ की ओर वाले स्वर के चलने पर और पौरुष प्रधान काम सीधे स्वर के चलने पर करना चाहिए।

सांस से कैसे जानें, शुभ व अशुभ …

रिफरेंस- शिव स्वरोेदय ग्रंथ बहुत प्राचीन ग्रंथों में से एक माना जाता है। इसमें करीब 395 श्लोक हैं और ये ग्रंथ शिव-पार्वती के संवाद के रूप में है, जिसमें पार्वती शिव से सवाल करती हैं और शिव उनके जवाब देते हैं। इस ग्रंथ का रचनाकार भगवान शिव को ही माना जाता है, जिस पर अनेक विद्वानों ने टीका

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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