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Shraddh Special : आज से शुरू हुए श्राद्ध, हर दिन बन रहे हैं विभिन्न योग, जानें इनकी महत्ता

By: Ranjana Pandey

On: Monday, September 20, 2021 2:09 PM

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21 सितंबर कल से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होने जा रही हैं। हांलाकि आज पूर्णिमा का श्राद्ध हैं। श्राद्ध पक्ष 6 अक्टूबर तक चलेंगे जिसमें अपने पूर्वजों और पितरों को आत्मा की संतृप्ति के लिए भोग लगाया जाना हैं। पितृपक्ष के इन दिनों में सच्चे मन से की गई पूजा आपके सभी काम सिद्ध करती हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष में कई तरह के शुभ संयोग बन रहे हैं जिनकी महत्ता के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इन योग में किए गए पुण्य कार्य पितृ दोष से मुक्ति दिलाते हुए घर में सुख-समृद्धि लेकर आते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
अमृत सिद्धि योग

पितृ पक्ष की 27 और 30 सिंतबर को अमृत सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमृत सिद्धि योग को अत्यंत शुभकारी माना गया है। यह योग विशेषतः नक्षत्र एवं वार के संयोग से बनता है। कार्य को सफलता से पूर्ण करने के लिए यह योग बहुत लाभकारी है। समस्त मांगलिक कार्य के शुभ मुहूर्त के लिए यह योग बहुत महत्वपूर्ण है। इस योग में किसी भी नए कार्य को प्रारंभ करना शुभ माना जाता है और अपने नाम के अनरुप ही कार्य करता है। इस योग में किए जाने वाले पुण्य कार्य का फल व्यक्ति को अमृत के समान प्राप्त होता है। यह योग सफलता और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
रवि योग

पितृ पक्ष की 26 और 27 सिंतबर को रवि योग बन रहा है। रवि योग को सूर्य का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होने के कारण यह प्रभावशाली योग माना जाता है, जिसमें किया गया कार्य शुभ फल प्रदान करता है। सूर्य की पवित्र ऊर्जा से भरपूर होने के कारण इस योग में किया गया कार्य शुभ फल वरदान करता है। इस योग के बारे में कहा जाता है कि इसमें लगभग सभी दोषों को नाश हो जाता है। पितृ पक्ष में रवियोग का पड़ना बेहद ही कल्याणकारी माना गया है।
सर्वार्थ सिद्धि योग

पितृ पक्ष की 21, 23, 24, 27, 30 सितंबर और 6 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग एक अत्यंत शुभ योग है, जो निश्चित वार और निश्चित नक्षत्र के संयोग से बनता है। यह योग सभी इच्छाओं तथा मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। मान्यता है कि इस योग में किया गया कोई भी कार्य सफल जरूर होता है और व्यक्ति को लाभ प्रदान करता है। इस योग में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि पर प्राय कोई विचार नहीं किया जाता। अगर मुहूर्त नहीं मिल रहा है तो इस शुभ योग में आप कार्य कर सकते हैं। इस योग में सभी दोषों को दूर करने की क्षमता होती है।

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