देवी-देवताओं की आरती में कर्पूर जलाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है।देवी-देवताओं की पूजा में किए जाने वाले सभी काम धर्म के साथ ही हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। पूजा में आरती करना महत्वपूर्ण कर्म है और आरती में कर्पूर भी अनिवार्य रूप से जलाया जाता है। कर्पूर जलाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के सामने कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य मिलता है। यहां जानिए घर में कर्पूर जलाने से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं…
2. कर्पूर जलाने से घर का वातावरण पवित्र और सुगंधित होता है। ऐसे वातावरण से देवी लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवता आकर्षित होते हैं। इसकी महक से हमारे विचारों में भी सकारात्मकता आती है।
3.कर्पूर जलाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। कर्पूर सुगंधित होता है और इसे जलने पर कर्पूर की महक तेजी से फैलती है। इसकी महक से वातावरण में मौजूद कई हानिकारक सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं।
4. अगर आप रात को सोने से पहले कर्पूर जलाकर सोएंगे तो इससे अनिद्रा की शिकायत दूर हो जा सकती है, बुरे सपने नहीं आते हैं।
कर्पूर जलाते समय इस मंत्र का जाप करें-
कर्पूरगौरम् करुणावतारम्,संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तम् हृदयारविन्दे,भवम् भवानि सहितम् नमामि।।
आरती में जब भी कर्पूर जलाया जाता है तो इस मंत्र का जाप किया जाता है। ये मंत्र भगवान शिव की आराधना के लिए है। इसका अर्थ इस प्रकार है…
कर्पूरगौरम्यानी जो कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले हैं
करुणावतारम्यानी जो करुणा के साक्षात् अवतार हैं
संसारसारम्यानी जो इस समस्त संसार के एकमात्र सार हैं
भुजगेन्द्रहारम्यानी जो भुजंग (सांप) की माला धारण किए रहते हैं
सदा वसन्तम् हृदयारविन्दे,भवम् भवानि सहितम् नमामि।।
यानी जो माता पार्वती के साथ ही, सभी भक्तों के कमल रूपी हृदय में सदैव निवास करते हैं, उन महादेव की हम वंदना करते हैं, आराधना करते हैं, उन्हें नमन करते हैं।