Vaishakh Purnima 2021, वैशाखी पूर्णिमा 2021:- वैशाख मास की पूर्णिमा वैशाखी पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है । इस तिथी का विशेष महत्व है । इस तिथी का दान इत्यादि के लिए महत्व है । इस दिन धर्मराम से निमित्त जल से भरे कलश और पकवान का दान करने से व्यक्ति को गोदान के समान फल मिलता है ।
इस दिन पांच या सात ब्राम्हणो को शक्कर सहित तिल या सत्तू का दान किया जाने का विधान है । इस दिन तिल युक्त जल से स्नान किया जाता है । इस दिन तिल, घी और चीन से होम करना चाहिए ।
ज्योतिषाचार्य रजनीश आचार्य ने बताया कि कोरोना काल के चलते मंदिर जाना संभव न हो तो किसी ब्राम्हण या जरूरतमंद को दान करने से विशेष पुण्य मिलेगा ।
इस काल मे शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ की भी विशेष ध्यान रखना चाहिए अतः इस दिन पूर्ण चन्द्र के दर्शन कर चन्द्रमा से कम से कम 15 मिनट त्राटक अर्थात लगातार देखे और इस मंत्र का जप करे – ओम् सोम् सोमाय नमः ।।
चन्द्रमा के दर्शन एवं इस मंत्र के जप से मन विचलित नहीं होगा और हम सब इस महामारी के कारण हो रहा मानिसक कष्ट कुछ कम होगा ।
वैशाख पूर्णिमा की पूजा विधि
- पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व बताया गया है, हालाँकि इस कोरोना काल में यह संभव नहीं है , इस बार घर में ही पानी से भरी बाल्टी में कुछ बूंदे गंगाजल की डालकर उस पानी से स्नान करें.
- घर के मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़कें.
- देवी देवताओं का आह्वान करें, पूजन अर्चन और सभी देवी देवताओं को प्रणाम करें.
- हल्दी स्नान: सबसे पहले विष्णु भगवान की तस्वीर, प्रतिमा पर हल्दी से अभिषेक करें.
- फिर तुलसी अर्पित करें. विष्णु भगवान की हर पूजा में तुलसी को अवश्य शामिल करना चाहिए.
- विष्णु भगवान व लक्ष्मी माता की पूजा करें, उनकी आरती करें.
- भोग लगाएं और खुद व्रत का संकल्प लें.
- इस व्रत में चंद्रमा की पूजा का सबसे ज्यादा महत्व है.
- इसलिए रात को चंद्र उदय होने के बाद चंद्रमा पर जल अर्पित करें और व्रत का पारण करें.