सिवनी जिले में जल संकट की विकट स्थिति के चलते प्रशासन द्वारा लगातार कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिवनी, मेघा शर्मा के निर्देशन में बबरिया तालाब से अवैध रूप से पानी लेकर फसलों की सिंचाई कर रहे व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई उन लोगों के विरुद्ध थी, जो प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना करते हुए सार्वजनिक जल संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे थे।
कलेक्टर संस्कृति जैन द्वारा जल संरक्षण हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश
जिला कलेक्टर एवं दंडाधिकारी संस्कृति जैन ने जिले में व्याप्त भीषण जल संकट के मद्देनज़र नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अंतर्गत प्रत्येक जल स्रोत की सुरक्षा एवं उचित उपयोग हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति अनुमति के बिना सार्वजनिक जलस्रोतों जैसे तालाबों, नहरों, या जलाशयों से सिंचाई या अन्य निजी उपयोग हेतु पानी नहीं ले सकता।
बबरिया तालाब से अवैध सिंचाई का मामला उजागर
उक्त आदेश के बावजूद हेमराज बघेल, हेमकरण सनोड़िया एवं रक्षित विश्वकर्मा नामक व्यक्तियों द्वारा बबरिया तालाब में मोटर पंप लगाकर अवैध रूप से पानी निकालकर खेतों की सिंचाई की जा रही थी। यह कार्यवाही स्थानीय प्रशासन की विशेष टीम द्वारा स्थल पर जाकर तत्काल मोटर पंप जप्त कर की गई।
सख्ती के साथ जनजागरूकता अभियान भी जरूरी
प्रशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ, जनजागरूकता अभियान भी अनिवार्य है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह संदेश जाए कि पानी की हर बूंद अमूल्य है। स्कूलों, पंचायतों और सामुदायिक केंद्रों के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति शिक्षा और समझ विकसित करना आवश्यक है।
विधिक पक्ष: नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अंतर्गत कार्रवाई
धारा 163 के तहत कलेक्टर को यह अधिकार प्राप्त है कि वह किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सके। जल संकट जैसी स्थिति में जब पेयजल की आपूर्ति बाधित होने की संभावना हो, तब यह प्रावधान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस धारा के अंतर्गत यदि कोई आदेश की अवहेलना करता है, तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना एवं कानूनी सजा भी शामिल है।
जल संकट के समय जागरूकता और कार्रवाई दोनों ज़रूरी
सिवनी जिले में बबरिया तालाब से पानी चोरी की घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कानून की सख्ती और प्रशासन की सतर्कता ही ऐसे मामलों को रोक सकती है। साथ ही, जनता का सहयोग और जिम्मेदारी भरा व्यवहार ही इस जल संकट से उबार सकता है। जल की हर बूंद हमारे भविष्य की नींव है – इसे सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है।