सिवनी। लंबे समय से जिला अस्पताल में विक्षिप्तों की धमाचौकड़ी जारी है। इन विक्षिप्तों से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है। जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह के द्वारा मानसिक विक्षिप्तों को यहाँ से हटाकर इनके पुनर्वास के लिये सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक को निर्देशित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि जिला अस्पताल में उपचार करवाने के लिये पहुँचने वाले मरीज और उनके साथ आये परिजनों के कदम अस्पताल परिसर में जगह-जगह मानसिक रूप से विक्षिप्तों की विभिन्न हरकतों को देखकर रुक जाते हैं। विक्षिप्तों के चीखने, चिल्लाने, दर्द से कराहने, रोने व जोर – जोर से हंसने, आपस में झगड़ता देख एक पल को मरीजों व लोगों को यहाँ किसी पागलों के अस्पताल में आने का भ्रम भी उत्पन्न हो जाता है। वहीं इनके द्वारा फैलायी जाने वाली गंदगी से डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी भी परेशान हो रहे हैं।
जिला अस्पताल में मानसिक रूप से विक्षिप्तों की लगातार बढ़ रही संख्या के चलते अस्पताल प्रशासन ऐसे विक्षिप्तों को अन्यत्र विस्थापित करने के लिये जरा भी संवेदनशील नजर नहीं आ रहा था। वहीं बीमार, कमजोर विक्षिप्तों को देख लोगों को जहाँ उनके ऊपर दया के भाव भी झलकते हैं वहीं इनके द्वारा अस्पताल में फैलायी जाने वाली गंदगी से घृणा के भाव से मरीज, मरीज के परिजनों समेत स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी भी परेशान हो रहे हैं।
आईसोलेशन वार्ड की स्टाफ नर्सों ने इस मामले की लिखित शिकायत कई बार करते हुए यहाँ वर्षों से रह रही मानसिक रूप से विक्षिप्त दो महिलाओं को अस्पताल से हटाकर कहीं ओर रखे जाने की माँग की थी। ऐसे विक्षिप्तों के साथ अस्पताल पहुँचने वाले मरीजों के परिजनों में से कुछ लोगों के द्वारा अनावश्यक रूप से उन्हें परेशान किया जाता है जिससे उनकी वेदना दूसरे देख नहीं पाते, वहीं विक्षिप्तों के शोर – शराबा से शांत घोषित क्षेत्र में अशांति का माहौल हमेशा बना रहता है।
शनिवार को जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह के द्वारा किये गये अस्पताल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक वीरेश सिंह बघेल को निर्देश दिये हैं कि मानसिक विक्षिप्तों को वहाँ से हटाकर उनका पुर्नवास किया जाये।